डॉक्टर या नर्स को इंजेक्शन लगाते तो आपने अक्सर देखा ही होगा। वह इंजेक्शन में दवा भरते फिर देखते हैं कितनी दवा है और कितनी हवा। फिर बड़े ही ध्यान पूर्वक हवा को बाहर निकालते हैं और जब इंजेक्शन में केवल दवा रह जाती है तब उसे इंजेक्ट किया जाता है। प्रश्न यह है कि यदि जल्दबाजी में कोई नर्स या फिर कोई और प्रशिक्षित व्यक्ति इंजेक्शन को उस समय इंजेक्ट कर दें जब उसमें दवा के साथ हवा भी थी तो क्या होगा।
एक ऐसी जानकारी जो हर नागरिक के लिए जरूरी है
यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है। यह एक ऐसी जानकारी है जो हर नागरिक के लिए जरूरी है। इंजेक्शन के लिए आप किसी डॉक्टर या नर्स को जिम्मेदार नहीं बोल सकते, क्योंकि यदि उसने गलत इंजेक्शन लगा दिया तो आप उसे जिम्मेदार बोलने के लिए शायद जिंदा ही ना बचे। इसलिए बहुत जरूरी है कि जब भी आप कोई आप ही किसी परिजन को इंजेक्शन लगाया तुम चाह रहा हो तो आप ध्यान पूर्वक उस प्रक्रिया को देखें। यदि आपको लगता है कि कुछ गलत हो रहा है, इंजेक्शन में दवा के साथ हवा भी मौजूद है तो कृपया टोके। क्योंकि आपकी सतर्कता किसी की जान बचा सकती है।
यदि दवा के साथ हवा युक्त इंजेक्शन लगा दिया जाए तो क्या होगा
इसे चिकित्सा विज्ञान में एयर ऐम्बॉलिज्म का नाम दिया गया है। ये एक सामान्य प्रक्रिया है किन्तु मानव शरीर के लिए अत्यन्त घातक सिद्ध हो सकती है। ये ठीक वैसा ही है जैसे पानी के पाइप में पत्थर, या किसी प्रकार के कचरे का फँस जाना। यदि कचरा छोटा होता है तो पानी के प्रवाह से निकल सकता है किन्तु यदि ये बड़ा हुआ तो पानी का प्रवाह बंद कर सकता है।
हवा के कारण भी होती है ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक, लंग्स फेलियर
ठीक इसी प्रकार यदि इन बुलबुलों का आकार अत्यन्त सुक्ष्म है या ये कहीं फँसता नहीं है तो कोई भी समस्या नहीं परन्तु यदि ये बुलबुले आकार में बड़े हैं तो फिर ये एक बड़ी समस्या का कारण बन सकते हैं। यदि हवा के ये बुलबुले प्रवाहित होते हुए मानव मस्तिष्क, हृदय या फेफड़ों की ओर पहुँच जाएँ और वहाँ फँस जाएँ तो रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो सकता है और फिर कुछ भी हो सकता है।
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