भोपाल। हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का पहला त्योहार मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2020) 15 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति का सीधा संबंध पृथ्वी के भूगोल और सूर्य की स्तिथि से है। जब भी सूर्य मकर रेखा पर आता है तब मकर संक्रांति मनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य धनु राशि छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है और सूर्य के उत्तरायण की गति शुरू होती है।
मकर संक्रांति के अवसर पर महिलाएं घर में तिलगुड़ और तिलवड़ी बनाती हैं और रिश्तेदारों व आस पड़ोस में बांटती हैं. मकर संक्रांति के दिन महिलाएं हल्दी कुमकुम (Haldi Kumkum) भी मनाती हैं. इस दिन महिलाएं एक दूसरे को हल्दी कुमकुम लगाती हैं और अपने सुहाग की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं.पहले हल्दी कुमकुम सिर्फ महाराष्ट्र (Maharashtra), गुजरात (Gujarat), राजस्थान (Rajasthan) और गोवा (Goa) में ही मनाए जाते थे. लेकिन अब यह देश भर में प्रसिद्द हो चुका है. ऐसा कहा जाता है कि हल्दी कुमकुम मनाने की शुरुआत पेशवा साम्राज्य के दौरान हुई. उस जमाने में पुरुष युद्ध लड़ने चले जाते थे और सालों तक घर नहीं आते थे.
महिलाएं घर से निकल नहीं सकती थीं. इसलिए हल्दी कुमकुम के बहाने आस- पड़ोस की औरतों और सहेलियों को अपने घर बुलाती थीं. उनके माथे पर हल्दी कुमकुम लगाकर उनका स्वागत करती थीं. इस दौरान वो उपहार में कपड़े, इत्र व श्रृंगार का सामान भी भेंट में देती थीं.आज हल्दी कुमकुम लोगों से मेल जोल बढ़ाने का एक तरीका बन चुका है. इसी बहाने महिलाएं एक दुसरे के घर जाती हैं और अच्छा वक्त बिताती हैं.