महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर एवं मोबाइल ऐप | Helpline number/ mobile app for women's safety

Bhopal Samachar
विनोद नागवंशी। आजकल ऐसे तमाम ऐप्स हैं, जिनका इस्तेमाल कर महिलाएं अपनी सुरक्षा को पुख्ता कर सकती हैं, संकट की स्थिति में ये ऐप महिलाओं की सुरक्षा कर सकते हैं। ये एंड्रॉयड एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं तथा कई एप्स को फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। इन एप्स की सबसे खास बात यह है कि इन्हें खासतौर पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए ही बनाया गया है तथा इनके होते हुए महिलाएं कभी भी अपने आपको अकेला या कमजोर महसूस नहीं करेंगी। ये सेफ्टी एप यूजर द्वारा तय किए गए इमरजेंसी कॉन्टैक्ट्स को अलर्ट और जीपीएस लोकेशन भेज देते हैं। इसके अलावा ये एप्स इस्तेमाल करने में सुविधाजनक होने के साथ ही स्मार्ट भी हैं। हम यहाँ कुछ महत्वपूर्ण फ़ोन नंबर व ईमेल आईडी भी बता रहे हैं जिनकी मदद से आप खुद की सुरक्षा कर सकते हैं। तो चलिये जानते हैं....

1.) bSafe: Personal Sefety App: यह ऐप एंड्रायड, आईओएस, ब्लैकबेरी और टैब्लेट के लिए फ्री उपलब्ध है। ये एक जीपीएस बेस्ड सेफ्टी अलार्म सिस्टम है। ऐप पर बने एक रेड बटन को दबाते ही यह किसी भी आपात स्थिति में आपके चुने हुए फोन नंबरों पर एसओएस मेसेज भेज देता है। इस ऐप के जरिए आपके चुनिंदा दोस्त या परिवार के सदस्य जीपीएस के जरिए आप तक पहुँचकर आपकी सहायता कर सकते हैं।

2.) Life 360 Family Locator: एंड्रायड के लिए यह ऐप भी प्ले स्टोर से फ्री डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप में भी जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है। इमरजेंसी के दौरान चुने हुए नंबरों पर एसओएस मेसेज भेजने के अलावा इसका इस्तेमाल दूसरे मकसद के लिए भी किया जा सकता है, जैसे आप जिन जगहों पर अक्सर जाते हैं, उन्हें सेव करने, घर के किसी मेंबर के आने या जाने का ऑटोमैटिक अलर्ट मिलने के अलावा अपने इलाके के अपराधियों और उनके अपराधों को देख सकते हैं।

3.) एसओएस विसल (SOS Whistle):- यह ऐप आपके खतरे में होने पर यह एक विसल (सीटी) बजाने लगाने लगता है। इसकी खासियत यह भी है कि अगर फोन साइलेंट मोड पर है तो भी विसल की आवाज आती है। इसके लिए आपको स्क्रीन को बस टैप करने की जरूरत है। इस ऐप को भी प्ले स्टोर से फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है।

4.) फाइट बैक (FightBack):- यह एक पेड ऐप है जिसे आप खरीद सकते हैं। यह सभी स्मार्टफोन और जावा बेस्ड फोन के लिए बनाया हुआ ऐप है। इसमें जीपीएस, एसएमएस, लोकेशन मैप, जीपीआरएस, ईमेल फेसबुक के जरिए दोस्तों और जानने वालों को सूचना दी जाती है। इसमें जब पैनिक बटन दबाया जाता है, तो पोर्टल का अलर्ट पेज अपने आप अपडेट हो जाता है। साथ में अलर्ट बटन जहां दबाया गया, वहां का लोकेशन भी आ जाती है। इसके साथ ही फेसबुक स्टेटस में एसओएस मैसेज भी आ जाता है।

5.) MPeCop MOBILE APP:- म.प्र. पुलिस ने एमपी ई कॉप मोबाइल एप जारी किया है, इस ऐप की खास बात यह है कि यदि किसी महिला को इमरजेंसी सहायता चाहिए तो उसे कॉल लगाने की जरूरत नहीं है। वो बस चुपके से मोबाइल एप को खोलकर धीरे से इमरजेंसी नंबर का बटन दबाए। थोड़ी ही देर में डायल 100 की तरह पुलिस उस लड़की की सहायता के लिए पहुँच जाती है। इस ऐप पर आप अपने परिजनों के 3 नंबर भी रजिस्टर्ड कर सकते हैं। जबकि एक पास के थाना और कंट्रोल रूम का नंबर होता है। इमरजेंसी नंबर का बटन दबते ही कंट्रोल और परिचितों के पास मैसेज पहुंच जाता है, साथ में उन्हे आपकी लोकेशन भी मिल जायगी। इस एप को प्ले स्टोर से फ्री डाउनलोड किया जा सकता है।

6.) सिटीजन कॉप (Citizen COP):- यह मोबाइल ऐप वर्तमान में भोपाल, इंदौर, झांसी, रायपुर, नोएडा, बेंगलुरु और नवी मुंबई के पुलिस विभागों के समन्वय में चल रहा है। यह ऐप की खास बात है कि यह मोबाइल बंद होने की स्थिति में भी काम करता है। एप को गूगल प्ले स्टोर से फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप में हेल्प मी बटन दबाकर मदद मिल जाएगी। इसकी सूचना पुलिस और पीडि़त के चार करीबियों तक पहुंचेगी। मोबाइल चालू न कर पाने पर मोबाइल पर तेजी से हाथ हिलाने से हेल्प मी का मैसेज ऑन हो जाएगा। मोबाइल के ऑन ऑफ वाले बटन को 3 बार दबाने से भी मैसेज ऑन हो जाएगा। इसके अलावा मोबाइल को 3 बार जोर से शैक करने से भी मैसेज ऑन हो जाएगा। इसके बाद केवल ओके बटन को दबाना होता है। इस एप से बच्चे और परिजनों के घर के बाहर जाने-आने की मैपिंग की जा सकती है। अगर ये इस मैप से बाहर जाएंगे, तो मोबाइल पर मैसेज आ जाएगा।

7.) हिम्मत (Himmat):- यह एक फ्री सेफ्टी एप है जिसे दिल्ली पुलिस ने महिलाओं के लिए जारी किया है। इस मोबाइल एप का इस्तेमाल करने के लिए दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर जाकर रजिस्टेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद आपको एक ओटीपी मिलेगा जिसे आपको यह एप कॉन्फिगर करते समय एंटर करना होगा। इसके बाद आपात स्थिति में इस एप में एसओएस अलर्ट करना होगा। ऐसा करने पर आपकी लोकेशन की सारी जजानकारी आडियो-विडियो सीधा पुलिस कंट्रोल रूम को मिल जायेगी इससे पुलिस मौके पर आसानी से पहुंच सकती है।

8.) सेफ्टीपिन (Safetipin) महिलाओं के लिए अब तक आए सुरक्षा मोबाइल एप्स में ये सबसे अच्छा है। इस एप को पर्सनल सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। यह जीपीएस ट्रैकिंग, इमर्जेंसी कॉन्टैक्ट नंबर और सेफ लोकेशन का रास्ता बताने जैसे सभी जरूरी फीचर से लैस हैं। इसमें सुरक्षित और असुरक्षित जगहें चिह्नित की होती हैं। इस वजह से आप इसमें उन सुरक्षित जगहों को पिन कर सकते हैं, जहां पर कोई समस्या होने पर जा सकते हैं।

■ ये नंबर रखें मोबाइल में:-
पुलिस ने महिलाओं से सार्वजनिक दुराचार, स्टाकिंग, घरेलू हिंसा और इसी तरह की महिला विरोधी मुद्दों जैसी सामाजिक बुराइयों से निपटने के लिए पुलिस ने कई पहल की हैं। 'वी केयर फॉर यू' और 'महिला हेल्पलाइन'के फोन नंबर नीचे दिए गए हैं। अपराध से पीड़ित महिलाएं घर बैठे नीचे दिए नम्बरों से महिला आयोग से शिकायत दर्ज कर सकती है।
- पुलिस कंट्रोल रूम या डायल 100: 100 (सातों दिन 24 घंटे)
- महिला हेल्पलाइन: 1090 (सातों दिन 24 घंटे)
- 'वी केयर फॉर यू' हेल्पलाइन- 1091(सातों दिन 24 घंटे)
- मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग: श्रीमती लता वानखेड़े, (अध्यक्ष)
0755-2661802
- रास्ट्रीय महिला आयोग:- 
0111-23219750, 26944740, 26944754, 26944805, 26944809
■ ये ईमेल आईडी हैं काम के:-
- दिल्ली पुलिस कमिश्नर
cp.amulyapatnaik@delhipolice.gov.in
- राष्ट्रीय महिला आयोग
ncw@nic.in 
- म.प्र. राज्य महिला आयोग
swc-mp@nic.in
- जॉइंट पुलिस कमिश्नर, क्राइम अगेंस्ट विमिन सेल
jcpcaw@gmail.com
- जीसीपी, क्राइम अगेंस्ट विमिन सेल
Dcp-caw-dl@nic.in
- छेड़छाड़, पीछा करने या अश्लील कॉल्स की शिकायत के लिए:-
Acp-sit-dl@nic.in
हमें आशा है कि आपको मोबाइल ऐप और जानकारी पसंद आई होगी। इनकी जानकारी की मदद से आप केवल घर के बाहर ही नहीं बल्कि घर के अंदर होने वाली अनहोनी या घरेलू हिंसा से भी खुद को बचा सकती है।
विनोद नागवंशी 'स्वतंत्र' (लेखक व यांत्रिकी अभियंता), छिंदवाड़ा, म.प्र.।

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