कर्मचारी सरकारी हो या प्राइवेट यदि उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना हो तो हाउस रेंट अलाउंस (HRA) की छूट मिलाना उसके लिए बहुत जरूरी हो जाता है। इनकम टैक्स रिटर्न में हाउस रेंट रिबेट प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को अपने मकान मालिक से मिली किराए की रसीद या फिर मकान मालिक के साथ किया गया रेंट एग्रीमेंट जमा करना होता है। यदि सालाना किराया ₹100000 से अधिक है तो केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के एक सर्कुलर के मुताबिक एचआरए छूट का लाभ लेने के लिए कर्मचारी को अपने मकान मालिक का पैन नंबर या फिर पैन कार्ड की फोटोकॉपी अपनी कंपनी को देना होता है। लेकिन यदि मकान मालिक के पास पैन कार्ड ना हो तब क्या करें। आज ऐसी समस्या का समाधान बताएंगे:
मकान मालिक का पैनकार्ड ना हो तो डिक्लेरेशन जमा करा सकते हैं
टैक्स एक्सपर्ट का मानना है कि यदि कर्मचारी का सालाना मकान किराया एक लाख रुपए से अधिक है और उसके मकान मालिक के पास पैन कार्ड नहीं है, तो ऐसी स्थिति में कर्मचारी के पास दो विकल्प हैं। पहला विकल्प यह है कि कर्मचारी को अपनी कंपनी के पास एक डिक्लेरेशन जमा करना होगा। इस डिक्लेरेशन का फॉर्म इनकम टैक्स विभाग ने दे रखा है। इस फॉर्म में कर्मचारी को अपने मकान मालिक का नाम बताना होता है। उनकी उम्र बतानी होती है। हाउस रेंट वाले मकान का पता देना होता है। किराये की अवधि बतानी होती है। इसमें मकान मालिक यह घोषणा करता है कि उसके पास पैन कार्ड नहीं है। कंपनी इस घोषणा पत्र को स्वीकार करती है।
यदि कंपनी मकान मालिक का डिक्लेरेशन ना माने तो क्या करें
कंपनी यदि इस डिक्लेरेशन को नहीं मानती है, तो कर्मचारी के पास दूसरा विकल्प भी है। कर्मचारी रिटर्न फाइल करते समय एचआरए क्लेम कर सकता है लेकिन ऐसी स्थिति में कर्मचारी के पास एक नोटिस आ सकता है क्योंकि कंपनी ने जो टैक्स फाइल किया है उसमें और कर्मचारी द्वारा फाइल किए गए रिटर्न में अंतर दिखेगा। इस अंतर के कारण आयकर विभाग कर्मचारी से यह पूछ सकता है कि यह अंतर क्यों है। उस समय कर्मचारी के पास मकान मालिक द्वारा दिया गया डिक्लेरेशन होना चाहिए, ताकि वह टैक्स विभाग के सवाल का जवाब दे सके।