नई दिल्ली। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने राज्यों से आग्रह किया कि पोस्टिंग और स्थानान्तरण के लिए डीओपीटी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्यों को समय पर संवर्ग-समीक्षा करनी चाहिए। वे आज नई दिल्ली में विभिन्न राज्यों के राज्य सिविल सेवाओं के भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों (Indian Administrative Service) को संबोधित कर रहे थे। ये सभी अधिकारी समावेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम (आईटीपी) में हिस्सा ले रहे हैं।
ब्यूरोक्रेट्स को अपनी स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान देना चाहिए
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि अधिकारियों को ज्ञान और जानकारी हासिल करने के लिए प्रौद्योगिकी का भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज इंटरनेट युग में प्रशिक्षण की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि सीखना एक जीवंत प्रक्रिया है और अधिकारियों को अपने सेवाकाल के दौरान अपने कौशल को बढ़ाना चाहिए। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण प्रणाली में सुधार लाने के लिए फीडबैक व्यवस्था पर जोर दिया जाना चाहिए। डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार ने ‘अनुभव’ पहल की है, जिसके तहत सेवानिवृत्त अधिकारियों के सेवाकाल के दौरान उनके अनुभवों का हवाला दिया गया है। इस कदम से नीति निर्माताओं को मदद मिलेगी और प्रणालियों में सुधार लाने में सुविधा होगी।
अधिकारियों को सेवाकाल के दौरान प्रशिक्षण कार्यक्रम
डॉ. सिंह ने कहा कि अधिकारियों के प्रशिक्षण में सुधार लाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने ‘आरम्भ’ आरम्भ का उदाहरण दिया, जिसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केवडिया में इस वर्ष 31 अक्टूबर को लॉन्च किया था। डॉ. सिंह ने अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण, कौशल उन्नयन और सेवाकाल के दौरान प्रशिक्षण कार्यक्रम की आवश्यकताओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्रणाली में एकरूपता लाने की संभावनाओं की खोज की जानी चाहिए और जहां आवश्यक हो, वहां विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
राज्यों से सुझाव मांगे
इस अवसर पर डीओपीटी के अपर सचिव श्री के. श्रीनिवास ने आई-जीओटी (इंटीग्रेटेड गर्वनमेंट ऑन लाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम) और ‘कमिट’ प्रशिक्षण कार्यक्रम का उल्लेख किया, जिन्हें कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने विकसित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सदैव डीओपीटी को अपने सुझाव दे सकते हैं, ताकि इन कार्यक्रमों में नई प्रशिक्षण प्रणालियों को शामिल किया जा सके।
देश के 55 चुनिंदा अधिकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम में
उल्लेखनीय है कि कुल 55 अधिकारी समावेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। इनमें 20 प्रतिशत (55 में से 11) महिला अधिकारियों की हिस्सेदारी है। समावेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले ये अधिकारी असम, छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल संवर्ग के हैं।
आईएएस अफसरों को ट्रेनिंग में क्या सिखाया जा रहा है
121 (ए) आईटीपी 4 नवम्बर, 2019 को शुरू हुआ और 14 दिसंबर, 2019 को पूरा होगा। इसमें हिस्सा लेने वाले अधिकारियों को 4 सप्ताह का अकादमिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें प्रबंधन, अर्थशास्त्र, लोक प्रशासन और आईसीटी विषय शामिल हैं। यह प्रशिक्षण महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, चंड़ीगढ़ में दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद अधिकारियों को एक सप्ताह का आंतरिक अध्ययन टूर “भारत दर्शन” कराया जाएगा। इसमें उनके अपने संवर्ग के इतर देश के विभिन्न राज्यों का दौरा कराया जाएगा। भारत दर्शन के दौरान अधिकारियों को गैर-सरकारी संगठनों, शहरी निकायों और जिला प्रशासनों के कामकाज से अवगत कराया जाएगा। आंतरिक अध्ययन टूर के बाद सभी अधिकारी 6 और 7 दिसंबर, 2019 को दिल्ली में प्रवास करेंगे। इस दौरान वे राष्ट्रपति भवन भी जायेंगे। इसके बाद सभी अधिकारी विदेश अध्ययन टूर के लिए दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल जायेंगे। वहां वे 7 से 14 दिसंबर, 2019 तक रहेंगे। सियोल में कोरियन डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट में 6 दिन का प्रशिक्षण लेंगे। विदेश अध्ययन टूर पूरा करने के बाद समस्त अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम 14 दिसंबर, 2019 को पूरा हो जाएगा और वे दिल्ली से अपने-अपने संवर्ग राज्यों में चले जायेंगे।
इस अवसर पर पंजाब सरकार की सचिव तथा निदेशक एवं पाठ्यक्रम समन्वयक श्रीमती जसप्रीत तलवार और पंजाब आवासीय आयुक्त श्रीमती राखी गुप्ता भंडारी भी उपस्थित थीं।