इंदौर। इंदौर पुलिस ने माय होम से मुक्त कराई गई 67 लड़कियों की मामले में कोर्ट में दावा किया कि जो लोग लड़कियों की अभिरक्षा पाने के लिए कोर्ट में उनके पति बनकर उपस्थित हुए हैं असल में यह लोग माय होम के बाउंसर और वेटर्स है। पुलिस ने यह भी बताया कि कारोबारी एवं पत्रकार जीतू सोनी के होटल माय होम से बरामद की गई 67 लड़कियों में से बांग्लादेशी हैं। इनके आधार कार्ड फर्जी है जो कोलकाता से बनवाए गए थे।
मध्य प्रदेश हनी ट्रैप: प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग ने जानकारी मांगी
पलासिया थाने में जीतू सोनी पर दर्ज हुए मामलों की फाइल ईडी के दफ्तर पहुंच गई है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली मुख्यालय से प्रवर्तन निदेशालय के पास हनी ट्रैप मामले में जांच के निर्देश मिले हैं। ये दोनों मामले एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और इसमें भारी मात्रा में अवैध संपत्ति, लेन-देन की बात सामने आ रही है। इधर, आयकर विभाग इन्वेस्टीगेशन विंग ने एसटीएफ को पत्र लिखकर हनी ट्रैप से जुड़े सभी दस्तावेज मांगे हैं। डायरेक्टर इन्वेस्टीगेशन आलोक जौहरी ने कहा कि हनी ट्रैप मामले में जो खबरें आ रही है, इससे बेनामी लेनदेन की आशंका है। जौहरी ने सोनी के मामले में कहा कि विभाग इसे भी देखेगा, ये सभी आपस में जुड़े हुए हैं।
लड़कियों के कथित पतियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने क्या कहा
माय होम से मुक्त युवतियों के मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल की अध्यक्षता वाली बेंच में सुनवाई हुई। छह युवतियों के पतियों ने याचिका में पुलिस पर खराब व्यवहार व यौन शोषण की धमकी देने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने कहा- माय होम में उन्हें कैसे रखा जाता होगा और वहां क्या होता होगा, इस पर बहुत कुछ बोल सकते हैं, लेकिन हमने खुद को रोक रखा है। एसएसपी ने शपथ पत्र में कहा, जो युवतियों को पत्नी बता रहे हैं, वे वहां नोट उठाते थे, बाउंसर थे। कागजों में इन्हें मजदूर दिखाया है।
यह बदले की कार्रवाई है, पूरे परिवार को खत्म करने की कोशिश
कार्रवाई के दौरान पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए जीतू सोनी के बेटे अमित सोनी ने मीडिया को बताया कि उनके खिलाफ जो कुछ भी किया जा रहा है एक साजिश है। यह बदली की कार्यवाही है, पूरे परिवार को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। हमें सोनी को इंदौर कोर्ट में पेशी पर लाया गया था।