यह परीक्षा दिसंबर 2017 में हुई थी 9235 पदों के लिए इसका रिजल्ट 26 मार्च 2018 को घोषित किया गया। पीईबी के द्वारा इसके साथ ही PEB द्वारा नियमानुसार 15% वेटिंग अभ्यर्थियों की लिस्ट भी राजस्व विभाग को सौंपी गई। इसका उपयोग प्रथम काउंसलिंग में अनुपस्थित अभ्यर्थियों की जगह किया जाना था। इसकी प्रथम काउंसलिंग 26/06/2018 को आयोजित की गई जिसमें सभी जिलों को मिलाकर लगभग 1200 छात्र अनुपस्थित रहे और जो उपस्थित हुए उनकी ट्रेनिंग 6 अगस्त 2018 को स्टार्ट कर दी गई अब जो पद खाली रह गए थे उन्हें वेटिंग द्वारा भरा जाना था। परंतु बहुत दिनों तक काउंसलिंग स्टार्ट नहीं की गई।
वेटिंग वाले अभ्यर्थियों के बार-बार आग्रह करने और आंदोलन करने के बाद 29 जुलाई 2019 को द्वितीय काउंसिलिंग आयोजित की गई जोकि 785 पदों पर की गई थी और यह काउंसलिंग पूर्णता ऑफलाइन थी। इससे संबंधित कोई भी डाटा राजस्व विभाग ने अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं कराया। आगे भी इसी तरह से ऑफलाइन काउंसलिंग राजस्व विभाग द्वारा कराई गई जिनमें की हम वेटिंग वाले अभ्यर्थियों को घपले और भ्रष्टाचार की बू आ रही है इससे संबंधित कुछ बिंदु हम उठाना चाहते हैं जो इस प्रकार हैं
1* पहली काउंसलिंग ऑनलाइन थी तो बाकी काउंसलिंग ऑफलाइन क्यों की गई?
2* वेटिंग अभ्यर्थियों का समय अपग्रेड वालों को क्यों दे दिया गया वेटिंग क्लियर करने की जगह अपग्रेड की प्रोसेस बार-बार क्यों चलाई जा रही है?
3* एक व्यक्ति को चार चार जगह से कॉल लेटर क्यों जारी किए जा रहे हैं हर काउंसलिंग में यही गलती बार-बार क्यों दोहराई जा रही है?
4* चौथी काउंसलिंग से 10 जिलों को ब्लॉक करके उनके पदों को क्यों गायब कर दिया गया?
(10 जिले:- शिवपुरी, भोपाल, श्योपुर, टीकमगढ़, दतिया, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, सिंगरौली, आगरमालवा)
5* 30 दिसंबर 2019 को 6वीं काउंसलिंग होने जा रही है इसमें आयुक्त ज्ञानेश्वर पाटिल द्वारा 450 पद रिक्त बताए गए हैं मीडिया को । जब प्रथम काउंसलिंग के बाद 1200 के करीब पद खाली थे ऐसा बयान उस समय के आयुक्त सेल्वेंद्रन सर द्वारा दिया गया था तो अभी तक वेटिंग में से केवल 100 लोगों को लिया गया है फिर पद 1200 से 450 पर कैसे आ गए बीच में किन्हे भर लिया?
6* काउंसलिंग का डाटा ऑनलाइन विभाग की वेबसाइट पर क्यों नहीं डाला जा रहा
7* छठवीं काउंसलिंग तक भी अपग्रेड ही को ज्यादा महत्व क्यों दिया जा रहा है जबकि पद वेटिंग अभ्यर्थियों से भरना है
8* 10 फरवरी 2020 वेटिंग सूची की लास्ट डेट है अगर विभाग ऐसे ही सिर्फ अपग्रेड करता रहेगा और वेटिंग में से हर काउंसलिंग में सिर्फ 20 लोगों को ही लेता रहेगा तो वेटिंग लिस्ट की वैधता समाप्त हो जाएगी और पद भी पूरे नहीं भर पाएंगे
9* पदों को दबाने और पूरा वेटिंग सूची का समय अपग्रेड में निकाल देना एक बहुत बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है।
कुलदीप रघुवंशी, एक उम्मीदवार