जबलपुर। मध्यप्रदेश में यह लगातार दूसरा महीना है जब 100 यूनिट फ्री वाले बिल आए हैं। लोगों में संतोष और खुशी साफ नजर आ रही थी कि तभी अचानक मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी से खबर आई कि कंपनी का मैनेजमेंट बिजली के दाम बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।
प्रस्ताव तैयार, याचिका की तारीख 11 दिसंबर
मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 2020-21 के लिए ट्रैरिफ में दो हजार करोड़ का संभावित नुकसान माना है। इसके लिए पांच फीसद बिजली के दामों में इजाफा करने का प्रस्ताव बनाया गया है। मप्र विद्युत नियामक आयोग अब इस प्रस्ताव पर फैसला लेगा। फिलहाल 11 दिसंबर को याचिका मंजूरी होगी कि नहीं इस पर निर्णय होना है।
कमलनाथ ने वादा किया है 100 यूनिट के लिए ₹100
बिजली कंपनी ने आम घरेलू उपभोक्ताओं से घाटा भरपाई का प्लान बनाया है। इसमें सबसे ज्यादा असर 50 से 100 यूनिट की खपत वाले उपभोक्ता पर होगा। हालांकि बिजली कंपनी की इस बढ़ोतरी का खामियाजा प्रदेश सरकार को उठाना होगा, क्योंकि इंदिरा गृह ज्योति योजना में 100 यूनिट तक 100 रुपए ही बिजली का बिल लिया जाना है, ऐसे में अतिरिक्त राशि का भुगतान प्रदेश सरकार अपने स्तर पर करेगी। बिजली कंपनी ने प्रारंभिक आंकलन 2020-21 के लिए 39332 करोड़ रुपए का किया है। जबकि खर्च 41332 करोड़ रुपए माना है। इस हिसाब से सालाना नुकसान 2 करोड़ रुपए माना है।
जीरो यूनिट पर भी 70 रुपए बिल आएगा, फिक्स चार्ज भी बढ़ाया जाएगा
बिजली कंपनी ने प्रस्ताव में भी न्यूनतम बिजली के दाम न्यूनतम 70 रुपए रखे हैं। यानी बिजली पूरे माह उपयोग न करने के बावजूद उपभोक्ता के बिल में 70 रुपए न्यूनतम ऊर्जा प्रभार देय होगा। ऊर्जा प्रभार के अतिरिक्त लिया जाने वाला फिक्स चार्ज भी बिजली कंपनी बढ़ा रही है। इसमें घरेलू और किसान सभी को प्रभावित किया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 से 10 रुपए की बढ़ोतरी की जा रही है।
यदि आयोग को याचिका में जरूरी दस्तावेज या कोई तकनीकी खामी नजर आती है तो वो उसे दोबारा कंपनी के पास भेज सकता है। अथवा में आवश्यक जानकारी मांगकर याचिका को मंजूरी दे सकता है। इसके पश्चात आयोग की तरफ से याचिका को सार्वजनिक किया जाएगा। जहां से इस पर आयोग की जनसुनवाई में प्रदेश की जनता से आपत्ति मांगी जाएगी।