भोपाल। सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह ने बताया है कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के निर्देशानुसार प्रदेश के समस्त सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों एवं उनके परिवारों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना तैयार की गई है। योजना की औपचारिक स्वीकृति के बाद शीघ्र ही इसे लागू कर दिया जाएगा। डॉ. सिंह ने बताया कि योजना से लगभग 7.5 लाख सेवारत तथा लगभग 5 लाख सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों तथा उनके परिवारों को सामान्य रूप से 5 लाख रूपये तक तथा गंभीर बीमारियों में 10 लाख रुपये तक कैशलैस इलाज की सुविधा मिलेगी।
मंत्री डॉ. सिंह ने बताया कि योजना में प्रत्येक सेवारत/सेवानिवृत्त शासकीय सेवक को हेल्थ कार्ड जारी किया जाएगा, जिसके माध्यम से उन्हें चयनित नेटवर्क हॉस्पिटल्स में नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मिलेगी। क्रियान्वयन एजेंसी के माध्यम से बीमा कंपनी द्वारा सीधे अस्पताल को वास्तविक भुगतान किया जाएगा। एक्सीडेंट अथवा अन्य इमर्जेन्सी के केस में इम्पेनल्ड हॉस्पिटल्स के अलावा अन्य हॉस्पिटल में इलाज करवाने के लिए संबंधित सीएमओ से रैफर कराने का प्रावधान भी किया जा रहा है।
डॉ. गोविंद सिंह ने बताया कि योजना में इलाज एवं ऑपरेशन के व्यय के अलावा 10 हजार रूपये तक ओ.पी.डी. व्यय देना भी प्रावधानित है। इसके अलावा, ऑपरेशन/इलाज के बाद चलने वाली दवाओं पर होने वाले खर्च तथा ब्लड प्रेशर एवं शुगर जैसी बीमारियों की दवाओं का खर्च भी दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है।
सामान्य प्रशासन मंत्री ने बताया कि विभिन्न निगम-मंडलों सहित संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को भी इस योजना का लाभ दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। बीमा की प्रीमियम राशि का निर्धारण सेवारत शासकीय सेवक के 'पे बैण्ड' के अनुसार तथा सेवानिवृत्त शासकीय सेवक की पेंशन राशि के अनुसार होगा। मासिक प्रीमियम अंशदान राशि न्यूनतम 250 रूपये और अधिकतम 1000 रूपये होगी, जो शासकीय सेवक के वेतन से कटेगी।