भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की तरह झूठे आश्वासन देने वाले नेता की पहचान बना चुके उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी लगातार कोशिश कर रहे हैं कि अतिथि विद्वान एक बार फिर उनके आश्वासन पर विश्वास करें। एक बार फिर उन्होंने दोहराया है कि एक भी अतिथि विद्वान की नौकरी नहीं जाएगी। अतिथि विद्वान पिछले 5 दिनों से इसी बयान को सरकारी दस्तावेज में लिखित रूप से मांग रहे हैं परंतु उच्च शिक्षा विभाग से ऐसा कोई आदेश अब तक जारी नहीं हुआ है।
अतिथि विद्वान राजनीतिक कारणों से प्रदर्शन कर रहे हैं: जीतू पटवारी
जीतू पटवारी ने अपने ताजा बयान में कहा है कि अतिथि विद्वान मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राजनीतिक कारणों से सरकार का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। एक बार फिर उनके हिचकोले खाते अधूरे बयान का आशय शायद यह था कि अतिथि विद्वान चाहे तो कितने ही दिन धरना देते रहे, नियमितीकरण नहीं होगा और ना ही उनकी सेवाएं यथावत रखे जाने का कोई आदेश जारी होगा।
अतिथि विद्वानों को 50 से ज्यादा बार आश्वासन दे चुके हैं जीतू पटवारी
प्रदर्शनकारी अतिथि विद्वानों का कहना है कि शिवराज सिंह शासन काल के समय जब जीतू पटवारी विधायक थे, अतिथि विद्वानों के विरोध प्रदर्शन में आगे आकर भाग लेते थे। खुले गले से बुलंद आवाज में कहते थे कि नियमितीकरण अस्थाई कर्मचारियों का अधिकार है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पिछले 1 साल में अतिथि विद्वानों ने उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी से 50 से अधिक बार मुलाकात की। हर बार जीतू पटवारी ने एक नई तारीख दी और आश्वस्त किया कि नियमितीकरण के आदेश जारी होंगे। बावजूद इसके आदित्य विद्वानों की सेवाएं समाप्त होती रही। यह क्रम लगातार जारी है।
अतिथि विद्वान, शिक्षक ही रहेंगे या क्लर्क बना दिए जाएंगे
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का बयान स्पष्ट नहीं है। उन्होंने दृढ़ता पूर्वक किया कहा कि नौकरी नहीं जाएगी परंतु यह नहीं बताया कि नौकरी और कैसी रहेगी। सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के बाद शिक्षकों की जरूरत कम हो जाएगी। ऐसे में अतिथि विद्वानों का युक्तियुक्त करण कैसे होगा। क्या उन्हें किसी ऐसे कॉलेज में भेजा जाएगा जहां ज्वाइन करने से पहले अतिथि विद्वान रिजाइन करना पसंद करेंगे या फिर उन्होंने शैक्षणिक जिम्मेदारियों से मुक्त करके क्लर्क बनाया जाएगा।