भोपाल। मध्यप्रदेश में अस्थाई कर्मचारियों की नियमितीकरण के बारे में कमलनाथ सरकार यू-टर्न लेती हुई नजर आ रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान तमाम चुनावी सभाओं में कांग्रेस के नेताओं ने सभी प्रकार के अस्थाई (संविदा एवं अतिथि) कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था लेकिन आज उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने यह कहने की कोशिश की " वचन पत्र में हमने ऐसा बिल्कुल नहीं कहा कि अस्थाई कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा"
कर्मचारियों के नियमितीकरण के संदर्भ में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का बयान
अतिथि विद्वानों के विरोध प्रदर्शन के बीच उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने मीडिया के सामने आकर बताया कि कैबिनेट की मीटिंग में फैसला हुआ है कि एक भी अतिथि विद्वान की सेवा समाप्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि " जहां तक वचन पत्र का सवाल है, हमने वचन पत्र में नियमितीकरण करने की नीति के संदर्भ में विचार करेंगे। समिति बनाएंगे।" कुल मिलाकर जीतू पटवारी यह कहते कहते रुक गए और उन्होंने आप को बदलने की कोशिश की कि हमने वचन पत्र में यह वचन कतई नहीं दिया कि कर्मचारियों को नियमित किया ही जाएगा।
नियमितीकरण का वादा किस किसने किया
अतिथि विद्वान, अतिथि शिक्षक, संविदा कर्मचारी एवं अन्य सभी प्रकार के अस्थाई कर्मचारियों को नियमितीकरण का वादा कांग्रेस के लगभग हर बड़े नेता ने किया। विपक्ष में रहते हुए जीतू पटवारी नेता नियमितीकरण के लिए ही ना केवल आवाज उठाई थी बल्कि प्रदर्शन में भाग भी लिया था। मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कर्मचारियों को नियमित करने की बात कही थी। चुनावी सभाओं के दौरान कहीं भी ' भावना, विचार, संदर्भ, नीति, समिति, दल, कमेटी' जैसे शब्दों का उपयोग नहीं किया गया था।