भोपाल। bhopalsamachar.com इस विकल्प पर विचार 25 मई 2019 को ही कर लिया था, तब जबकि लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष पद का दावेदार ठीक प्रकार से नहीं मान रहे थे (यहां पढ़ें)। अंततः वही हुआ। कमलनाथ ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपनी राह का कांटा बनने नहीं दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले भी सांसद थे और अब भी सांसद ही रहेंगे। फर्क बस इतना होगा कि पहले वह लोकसभा के सदस्य थे और अब राज्यसभा के सदस्य होंगे।
मध्यप्रदेश में तीन राज्यसभा सीटें हो रही हैं खाली
मध्यप्रदेश में सरकार बना लेने वाली कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजने के जुगत में है। 9 अप्रैल 2020 को मध्य प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटें खाली होने वाली हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और भाजपा के ही वरिष्ठ नेता सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इन तीन सीटों में से दो पर कांग्रेस अब तक पूरे तरीके से कब्जा जमाती हुई नजर आ रही है। पहली सीट तो दिग्विजय सिंह के लिए पहले से ही आरक्षित है। दूसरी सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को स्थापित कर दिया जाएगा।
राज्यसभा में सिंधिया का यह पहला मौका
लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को इसके साथ ही तीसरी बार सांसद तो बनेंगे लेकिन इस दफा उनका सदन कोई और ही होगा। अब तक लोकसभा में ही सांसद की भूमिका निभाने वाले सिंधिया अब राज्यसभा में कांग्रेस के दिए हुए दायित्व का निर्वाहन करेंगे। राज्यसभा में सिंधिया पहली बार पहुंचेगे।
सिंधिया ने पार्टी से अपने सभी घोषित संबंध तोड़ लिए थे
पिछले दिनों सिंधिया की पार्टी से रार इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि उन्होंने ट्विटर से पार्टी के सारे पद और बायो हटा लिए थे। इसके बाद यह लगने लगा था कि वे कांग्रेस को टाटा-बाय-बाय कहने वाले हैं। ये अलग बात है कि उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनका पार्टी छोड़ने का कोई इरादा नहीं है।
झारखंड चुनाव के साथ किया था रियल कमबैक
सिंधिया का रियल कमबैक झारखंड चुनाव में स्टार प्रचारक की भूमिका के बाद हुआ। उन्हे पार्टी ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची में जगह दिया, जो महाराष्ट्र और हरियाणा में नहीं दे सके थे। चुनाव प्रचार के बाद इंदौर लौटे सिंधिया ने जोश-जोश में यह भविष्यवाणी कर दी थी कि कांग्रेस, राजद और झामुमो महागठबंधन के साथ चुनाव जीत रही है। उनकी भविष्यवाणी काम भी कर गई। भले इसके पीछे कारण जो भी रहा हो। अब जबकि उन्हें राज्यसभा भेजे जाने की पूरी तैयारी कर ली गई है, अब यह देखना है कि वह पार्टी के लिए कितने उपयोगी साबित होते हैं।