मप्र में जातिगत आरक्षण अवधि 10 साल बढ़ाई गई, विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा ने अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण को अगले 10 साल तक बढ़ाने के विधेयक को मंजूरी दे दी। इसके लिए विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था। हालांकि पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक के बीच विधेयक को पारित किया गया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सदन में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ट्राइबल सब प्लान खत्म करने की तैयारी में है। अगर ऐसा होता है तो हम मध्य प्रदेश में आदिवासियों के विकास के लिए  सब प्लान लागू करेंगे।

मध्य प्रदेश विधानसभा का दो दिन का ये विशेष सत्र राज्य विधानसभाओं और लोकसभा में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) का आरक्षण 10 साल और बढ़ाने वाले विधेयक को मंजूरी देने के लिए बुलाया गया था। संविधान (126वां) संशोधन विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा द्वारा क्रमश: 10 और 12 दिसम्बर को पारित कर दिया गया है। बाद में इसे अनुमोदन के लिए राज्यों को भेजा गया। इसे लागू करने से पहले कम से कम 50 प्रतिशत विधानसभाओं की सहमति जरूरी है। 

यह विधेयक इसलिए जरूरी हो गया, क्योंकि आरक्षण की अवधि इस वर्ष 25 जनवरी को खत्म हो रही है। 50 प्रतिशत विधानसभाओं का अनुमोदन मिलने के बाद इसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा और उनकी स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा। मध्य प्रदेश विधानसभा ने संविधान संशोधन को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र सरकार पर ट्राईबल सब प्लान खत्म करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा यदि केंद्र सरकार इस सब प्लान को खत्म करती है तो आदिवासियों के विकास के लिए प्रदेश सरकार अलग से ट्राईबल सब प्लान लागू करेगी।

अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर वॉक आउट

विधानसभा का विशेष सत्र भले ही एक सूत्रीय एजेंडे को लेकर बुलाया गया था, लेकिन सदन में विपक्ष ने सरकार को अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर घेरा। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा दो महीने से सरकार सिर्फ गोलमोल जवाब ही दे रही है। इस पर उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं हुआ और उसने सदन से वॉक आउट कर दिया। अतिथि विद्वानों के साथ ही धान खरीदी, एमपीपीएससी की परीक्षा में भील जाति से जुड़े सवाल पर भी सदन में हंगामा हुआ। सीएम कमलनाथ ने जवाब दिया कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं। लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। ओलावृष्टि पर सीएम कमलनाथ ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा केंद्र से मदद मांगी है लेकिन अब तक मदद नहीं मिली है। 27-28 जनवरी को रायपुर में बैठक है केंद्रीय गृहमंत्री के सामने फिर से बात रखेंगे।

संकल्प के दौरान हंगामा

कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने संकल्प पर चर्चा के दौरान कहा, मनुवादियों ने अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग को आगे नहीं बढ़ने दिया। PSC में भी मनुवादी विचारधारा के लोग बैठे हैं, जिन्होंने इस तरह के सवाल रखे हैं। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सीतासरण शर्मा ने कहा इस कानून को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। ये नागरिकता देने का कानून है लेने का नहीं। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील ने सीतासरण शर्मा को जवाब दिया कि दूसरे देश से चुन-चुन कर लोगों को मत लाओ बल्कि सबको लेकर आओ। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने सदन में कहा कि सीतासरन शर्मा ने कहा कि मोदी जी ने SC, ST के पैर धौये, लेकिन दूसरी और नागपुर से एजेंडा आता है कि आरक्षण में संशोधन होना चाहिए। 

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