नई दिल्ली। देश भर की सोशल मीडिया पर खबर चल रही है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विरोध में 19 जनवरी से अनिश्चित काल के लिए शिरडी बंद रहेगा। इस दौरान शिर्डी के साईं बाबा का मंदिर भी बंद रहेगा। तमाम खबरों के बीच शिरडी मंदिर समिति के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दीपक मुगलीकर ने ऑफिशल स्टेटमेंट जारी किया है।
शिर्डी का साईं मंदिर 19 जनवरी को खुला रहेगा
मंदिर के सीईओ दीपक मुगलीकर ने साफ किया है कि इस तरह की अफवाहों पर ध्यान ना दिया जाए। उनकी ओर से बयान दिया गया 'कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि 19 जनवरी रविवार को साईं मंदिर बंद रहेगा। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह सिर्फ अफवाह है। मंदिर 19 जून को खुला रहेगा।'
शिर्डी बाजार बंद क्यों बुलाया गया है, किससे नाराज हैं शिर्डी के लोग
इसके पूर्व शिरडी के साईंबाबा की जन्मभूमि के स्थान को लेकर महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। सूबे के मुखिया उद्धव ठाकरे के एक बयान के बाद इसे लेकर बवाल खड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री ठाकरे द्वारा परभणी जिले के नजदीक पाथरी को साईं बाबा की जन्मस्थली बताए जाने पर लोगों में नाराजगी पैदा हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुस्साए लोगों ने विरोध स्वरुप 19 जनवरी से शिरडी में अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा कर दी है। लंबे अर्से बाद ऐसा होगा जब शिरडी में किसी विवाद की वजह से बंद किया जाएगा।
उद्धव ठाकरे ने पाथरी के लिए 100 करोड़ की घोषणा की है
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पिछले हफ्ते बयान दिया था जिसमें उन्होंने पाथरी को साईं की जन्मस्थली के तौर पर बताया था। इसके साथ ही उन्होंने पाथरी के विकास के लिए 100 करोड़ का बजट देने की घोषणा भी कर दी थी। सीएम उद्धव की इस घोषणा के बाद ही शिरडी के लोगों में नाराजगी बढ़ गई और उन्होंने प्रतिक्रिया दी। लोगों का कहना है कि पाथरी का विकासा कराने में उन्हें किसी तरह की आपत्ति नहीं है लेकिन उस जगह की पहचान साईं की जन्मस्थली के तौर पर नहीं हो सकती है।
सभी धर्मों के लोगों की है आस्था
शिरडी के साईंबाबा पर हिंदुओं और मुस्लिमों दोनों की समान रुप से आस्था है। यही वजह है कि पिछले कुछ दशकों में शिरडी तेजी से चर्चा में आया है और अब रोजाना हजारों श्रध्दालु वहां पहुंचते हैं। ऐसे में सीएम उद्धव के इस बयान के बाद नई राजनीति शुरू होने की आशंका है।