इंदौर। घर से कॉलेज जाने की तैयारी कर रही 19 साल की प्रियांशी की मौत उस समय हो गई जब वो नहाने के लिए बाथरूम में गई थी। वो बाथरूम के अंदर तो गई लेकिन बाहर नहीं निकली। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में बताया गया है कि गैस गीजर के कारण प्रियांशी की मौत हो गई।
अन्न्पूर्णा थाना पुलिस के मुताबिक, वैष्णव कॉलेज में इंजीनियरिंग फर्स्ट ईयर की छात्रा प्रियांशी (19) पिता विपुल जाविया निवासी वैशाली नगर की गुरुवार को संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। वह रोज की तरह सुबह 7 बजे कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रही थी। मां खाना बना रही थी और घर के अन्य सदस्य बाहर जाने के लिए तैयार हो रहे थे। जब प्रियांशी देर तक बाथरूम से नहीं निकली तो दरवाजा खोला गया तो वह बेसुध हालत में मिली। उसे अस्पताल ले गए, जहां मृत घोषित कर दिया। युवती के पिता विपुल का टायर रिमोल्डिंग का धंधा है।
गीजर कितने प्रकार के होते हैं
जानकारों के अनुसार, बाजार में दो तरह के गीजर मिलते हैं। एक इलेक्ट्रिक और दूसरा गैस गीजर। गैस गीजर में सीएनजी या एलपीजी गैस का इस्तेमाल होता है। खर्च के हिसाब से यह इलेक्ट्रिक गीजर से सस्ता पड़ता है, इसलिए अक्सर लोग पैसा बचाने के चक्कर में इसे लगवा लेते हैं।
गैस गीजर को कहां लगाना चाहिए, गैस गीजर को खतरनाक क्यों मानते हैं
अगर संभव हो तो गैस गीजर को बाथरूम से बाहर लगवाएं क्योंकि इससे जान का खतरा होता है।गैस गीजर से पैदा होने वाली आग के कारण ऑक्सीजन की खपत अधिक होती है और कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। इससे कार्बन मोनो ऑक्साइड भी बनती है और ऑक्सीजन कम होते जाती है। यह रंगहीन व गंधहीन गैस होने के साथ-साथ जहरीली भी होती है। यही मौत का कारण बन जाती है।
गीजर की गैस का क्या असर होता है, क्या गैस गीजर जानलेवा खतरनाक होता है
बिना रोशनदान वाले बाथरूम में गैस गीजर से निकलने वाली गैस के कारण खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इससे शरीर के लगभग सभी अंग प्रभावित होने लगते हैं। दिल तथा दिमाग को जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन न मिलने के कारण प्रियांशी बेहोशी की हालात में चली गई होगी। कम हवादार कमरों में रसोई गैस या ऐसे बाथरूम में गैस गीजर के उपयोग से मिर्गी, हार्ट अटैक जैसे कई गंभीर रोग की आशंका बढ़ जाती है। खासतौर पर बुजुर्गों के लिए ऐसे गैस गीजर काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं।