नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के कन्नौज में हुआ बस हादसा जिसमें 20 यात्री जिंदा जल गए थे, की प्राथमिक जांच रिपोर्ट आ गई है। पुलिस का कहना है कि हादसे में ट्रक या बस चालक की कोई गलती नहीं है। यह एक्सीडेंट स्लीपर कोच बस के नाइट्रोजन गैस वाले टायर के फटने के कारण हुआ।
कन्नौज एक्सीडेंट: मृतकों की सही संख्या और पहचान अब तक नहीं हो पाई
कन्नौज पुलिस का कहना है कि जयपुर जा रही स्लीपर बस का दाहिने तरफ का अगला टायर फटने से वह बेकाबू हो गई थी। इसके बाद ट्रक से टकरा गई। दोनों वाहनों में भीषण भिड़ंत के बाद ट्रक का ऑयल टैंक फट गया। तभी हाईटेंशन लाइन का तार टूटने से निकली चिंगारी से आग भड़क गई। बस व ट्रक में लगी भीषण आग की चपेट में आने से कई जिंदगियां राख के ढेर में तब्दील हो गईं। आलम यह है कि न तो मरने वालों की संख्या का सही अनुमान लगाया जा सका, न ही सभी की पहचान हो पाई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बेवर की तरफ जा रही स्लीपर बस का टायर घिलोई गांव के सामने फट गया। इससे वह बेकाबू होकर दिल्ली की तरफ से आ रहे ट्रक से टकरा गई। हादसे के बाद दोनों वाहनों में आग लग गई। इससे कई जिंदगियां राख के ढेर में तब्दील हो गईं। जले ट्रक के मलबे को जेसीबी से हटवाया गया। इसके बाद यहां पुलिस फोर्स तैनात कर दोनों वाहनों की निगरानी शुरू की गई।
शनिवार सुबह सौ शय्या अस्पताल पहुंचे डीएम रवींद्र कुमार ने जैसे ही सीएमएस डॉ. कुलदीप यादव को देखा तो वह भड़क गए। उन्होंने सीएमएस को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि बड़ी घटना होने पर कभी भी आप अस्पताल में मौजूद नहीं रहते हैं। डीएम ने बताया कि सीएमएस से इसका जवाब मांगा जाएगा।
हादसे के बाद शनिवार सुबह एडीएम व एएसपी विनोद कुमार सिंह सौ शय्या अस्पताल पहुंच गए। दोनों अधिकारी अस्पताल में डटे रहे। मरीजों को दिए जाने वाले उपचार पर नजर बनाए रहे। पुलिस अधिकारी घायलों से बातचीत कर मृतकों की शिनाख्त के प्रयास भी करते रहे।