जबलपुर। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) से सातवें वेतनमान सहित तमाम मांगों के लिए प्रदेशभर के चिकित्सा शिक्षक (Medical Teacher) कई सालों से मांग कर रहे थे। लेकिन उनकी कोई भी मांग पूरी नहीं हुई। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के आव्हान पर भोपाल के साथ-साथ जबलपुर के मेडिकल टीचर्स ने भी डीन को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया है।
जबलपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में करीब 254 चिकित्सक शिक्षक हैं, जिनमें से करीब 200 टीचर्स ने इस्तीफा सौंप दिया है। ये मेडिकल टीचर्स पूर्व से ही मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले आंदोलन में शामिल रहे हैं। मेडिकल टीचर्स का कहना है कि 2016 से सभी सरकारी विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ मिलने लगा है, लेकिन उन्हें 4 साल बाद भी इससे दूर रखा गया। उन्होंने पहले भाजपा सरकार के कार्यकाल में आंदोलन किए और जब सरकार बदली तो ये सरकार भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, जिसके चलते अब उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया है।
मेडिकल टीचर्स ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर अभी भी ध्यान नहीं दिया तो 9 जनवरी से वे काम भी बंद कर देंगे, जिससे मेडिकल अस्पतालों में आने वाले हजारों मरीजों को इलाज में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। मेडिकल अस्पताल में हर दिन हजारों मरीज जबलपुर और आसपास के शहरों से इलाज कराने आते हैं, जिन्हें अभी भी पर्याप्त इलाज एवं सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। दूसरी तरफ अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों की पढ़ाई भी इससे प्रभावित हो रही है। यदि मेडिकल टीचर्स के इस्तीफे स्वीकार कर लिए जाते हैं तो निश्चित ही जूनियर डॉक्टर्स भी आंदोलन में शामिल हो जाएंगे।