जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के जरिए होने वाली लिपिक वर्ग, सिविल जज सहित अन्य भर्तियों में राज्य शासन की ओर से बढ़ाए गए 27 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण लागू न किए जाने के रवैये को याचिका के जरिए चुनौती दी गई है।
मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष मामला सुनवाई के लिए लगा। इस दौरान राज्य की ओर से सुनवाई एक सप्ताह बढ़ाए जाने पर बल दिया गया। जिसे मंजूर करते हुए 13 जनवरी को अगली सुनवाई नियत कर दी गई। यह मामला ओबीसी आरक्षण संबंधी पूर्व से विचाराधीन 9 याचिकाओं के साथ संलग्न करके सुनी जाएगी। ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से यह याचिका दायर कर कहा गया कि हाई कोर्ट द्वारा की जाने बाली समस्त भर्तियों में ओबीसी वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू नहीं किया गया। जबकि राज्य सरकार पहले ही अपनी सेवाओं में इसे लागू कर चुकी है।
इसके चलते सिविल जज के पदों पर भर्तियां नहीं की गईं। मार्च से अब तक हाईकोर्ट की किसी भी नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी नहीं किए गए। वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ एवं रामेश्वर पी सिंह ने आग्रह किया कि सरकार के इस निर्णय को जल्द से जल्द हाईकोर्ट की भर्तियों में भी लागू किया जाए।