भोपाल। मध्यप्रदेश का प्रत्येक नागरिक ₹29000 का कर्जदार है चाहे उसने किसी भी बैंक से लोन लिया हो या ना लिया हो, आने वाले समय में उसे यह कर्ज चुकाना ही पड़ेगा। दरअसल यह कर्जा मध्य प्रदेश की सरकार ने लिया है। कर्ज़ की कुल रकम 210000 करोड रुपए है। मध्य प्रदेश सरकार के पास कमाई की कोई साधन नहीं है। स्वभावी के कर्ज की रकम का भुगतान जनता पर टैक्स लगाकर किया जाएगा।
विकास के नाम पर पहले शिवराज सिंह और फिर कमलनाथ ने लिया लोन
मध्य प्रदेश में विकास के नाम पर पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने और उसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोन लिया है। सरकारी दस्तावेजों के अनुसार लोन की रकम 200000 करोड रुपए से ज्यादा हो गई है। 31 मार्च 2020 की स्थिति में मध्यप्रदेश में जन्म लेने वाले प्रत्येक नवजात शिशु पर ₹29000 का कर्जा होगा।
लोन सरकार ने लिया तो जनता क्यों चुकाएगी
पिछले कुछ सालों से मध्य प्रदेश लगातार कर्जदार होता जा रहा है। विकास के नाम पर सरकार कर्ज़ लेती जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री मिलकर तय करते हैं कि पैसा कहां खर्च करना है लेकिन इसका भुगतान जनता को करना होता है। दरअसल मध्य प्रदेश सरकार के पास कमाई के कोई साधन नहीं है। वह जनता से टैक्स लेकर काम चलाती है। मध्यप्रदेश में पहले से ही अत्याधिक टैक्स लगाए जा चुके हैं। इस कर्ज के कारण टैक्स की दरें बढ़ाई जाएंगी। डायरेक्ट नहीं लेकिन इनडायरेक्ट तौर पर जनता को कर्जा चुकाना पड़ेगा।