जबलपुर। स्कूली शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लाख दावे किए जाए पर जमीनी हकीकत कुछ और है। माध्यमिक शिक्षा मंडल के बोर्ड परीक्षा परिणाम अच्छे लाने के लिए कलेक्टर से लेकर जिला शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारी जुटे हैं, रोजाना बैठकें हो रही है, दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। मगर एक तरफ शहपुरा जनपद का आदिवासी बाहुल्य नया नगर स्कूल अधिकारियों के तमाम प्रयासों को धता बता रहा है, क्योंकि स्कूल शिक्षा विभाग ने दो साल पहले कक्षा 6 से लेकर 10वीं तक स्कूल तो खोल दिया लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति करना विभागीय अधिकारी भूल गया। स्थिति ऐसी है कि स्कूल में अध्यनरत 250 विद्यार्थियों को सिर्फ एक शिक्षक ही पढ़ा रहा है अब ऐसे में मंडल के बोर्ड परीक्षा परिणाम कहां से बेहतर आएंगे ये सवाल बना हुआ है।
2016-17 में खुला हाई स्कूल
नया नगर गांव में साल 2016-17 में हाई स्कूल खोला गया है परंतु 4 साल बीत जाने के बाद भी शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की गई। स्कूल में कक्षा 9वीं में 46 तो 10वीं में 94 बच्चे दर्ज हैं। हैरानी की बात यह है कि इतनी संख्या में दर्ज विद्यार्थी खुद ही पढ़ाई करते हैं क्योंकि क्षेत्र में अतिथि शिक्षकों का टोटा है।
इस स्थिति में है स्कूल
- मिडिल स्कूल साल 2012 में खोला गया जिसमें 111 विद्यार्थी अध्यनरत है।
- मिडिल स्कूल में पदस्थ एक शिक्षक कक्षा 10वीं तक कक्षाओं का संभालता है।
- स्कूल में आदिवासी और गरीब तबके विद्यार्थी अध्यनरत, जिन्हें सिर्फ स्कूल आने से मतलब
भोपाल तक शिकायत पर नहीं सुनवाई
- क्षेत्रीय लोगों ने विधायक से लेकर कलेक्टर तक को शिक्षक विहीन स्कूल की व्यथा सुनाई।
- किसी भी अधिकारी जनप्रतिनिधि ने शिक्षकों की पदस्थापना नहीं कराई।
- जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर शिक्षा विभाग के मुख्यालय भोपाल तक में इसकी जानकारी
- स्कूलों को कई सालों से अंग्रेजी का अतिथि शिक्षक नहीं मिला, फेल होते हैं विद्यार्थी।
शहपुरा जनपद के नया नगर स्कूल में शिक्षक नहीं है इसकी जानकारी लेकर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। परीक्षा परिणाम बेहतर लाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
- एसके नेमा, जिला शिक्षा अधिकारी