भोपाल। शाहजहांनी पार्क में चल रहे अतिथिविद्वानों के आंदोलन का आज 32वां दिन था। कड़ाके की ठंड में ठिठुरते अतिथिविद्वानों के पंडाल में एक अजीब से खामोशी थी। सरकार द्वारा अब तक मांगों पर कोई गौर न किये जाने से निराशा का माहौल भी है। साथ ही चुनाव पूर्व नियमितीकरण का वचन देने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री से वचन को पूरा करने की आस भी है। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजकद्वय डॉ सुरजीत भदौरिया एवं डॉ देवराज सिंह के अनुसार हमने अभी अपना हौसला नही खोया है। हमें मुख्यमंत्रीजी से पूर्ण आशा है कि वे हमारी मांगों पर अवश्य सकारात्मक निर्णय लेकर हमारे भविष्य को बर्बाद होने से बचा लेंगे।
सरकार की निष्क्रियता से पीड़ादायक स्थिति में आंदोलन करने को मजबूर अतिथि विद्वान
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता डॉ मंसूर अली के अनुसार कांग्रेस सरकार की अतिथिविद्वानों के प्रति बेरुखी अत्यंत चिंताजनक है। कड़ाके की ठंड में हमने ठिठुरते हुए एक माह बिता दिया। सरकार से हमें पूर्ण संवेदनशीलता की आशा थी, किन्तु अब तक हमें निराशा ही हाथ लगी है। खुले पंडाल तले हमने अब तक भयानक ठंड, बारिश व बीमारियों को झेला है। हमारे कई साथी अस्पतालों में एडमिट रहे है। जबकि कुछ अत्यंत गंभीर मेडिकल स्थिति से बड़ी मुश्किल से उबर सके है। महिलाएं यहां तक कि छोटे छोटे बच्चो ने आंदोलन में सहभागिता निभाई है। डॉ मंसूर अली ने आगे कहा कि अब हमारे पास वापस जाने का कोई रास्ता नही बचा है। क्योंकि हमारे कई साथी सेवा से पहले ही बाहर हो चुके हैं। जबकि जो बचे हैं, उनका भविष्य भी सरकार द्वारा अब तक कोई नीति नही बना पाने के कारण अनिश्चितता में घिरा हुआ है।
आंदोलन का 32वां दिन पूर्ण
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा में मीडिया प्रभारी डॉ जेपीएस चौहान एवं डॉ आशीष पांडेय के अनुसार आंदोलन एक माह पूर्ण करते हुए 32वें दिन भी जारी रहा। किन्तु सरकार का कोई भी प्रतिनिधि हमारी समस्या के निराकरण में गंभीरता नही दिखा रहा है। जबकि हमने सत्ता के प्रत्येक गलियारों में दस्तक दी है। किन्तु सरकार से अब तक कोई सकारात्मक जवाब नही मिल सका है। किन्तु हमने दृढनिश्चय किया है कि जब तक सरकार हमारी नियमितीकरण की मांग पर गौर नही करती है। हम शाहजहांनी पार्क नही छोड़ेंगे।