भोपाल। पूरे प्रदेश में पंचायत सचिवों को 3 माह से 5 माह का वेतन भुगतान नहीं हुआ हैं। पंचायत सचिवों की बैंकों के द्वारा फायनेंस कराई गई टू-व्हीलर व फोर व्हीलर व मकान पर फायनेंस कराई गई मासिक किश्तों की अदायगी नहीं होने पर बैंको द्वारा खींचने का अभियान शुरू हो गया हैैंं। बच्चो की फीस व रोजी रोटी के लाले हैं।
उक्त आशय की जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि न जाने क्यों सरकार कोई भी हो पंचायत सचिवों की ओर किसी की नजर तक नहीं जाती। न जाने क्यों प्रदेश के 23 हजार पंचायत सचिवो को सबने दाता समझ लिया हैैं। जो सिर्फ सबको देता ही देता हैं। उसे न तो भुख लगती हैं, न रोटी कपड़े की जरूरत, इसलिये प्रदेश के लगभग ७ लाख कर्मचारीयों को महीने की 1 तारीख को वेतन मिल जाता हैं। लेकिन पंचायत सचिवों को ३ से ५ माह तक यह पीड़ा भोगनी पड़ती हैं।
मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि पंचायत सचिवों के साथ वचन पत्र की मांगो को लेकर कोताही और अन्याय हो ही रहा हैैं। सिर्फ हमारी खामोशी सरकार के सम्मान के लिये हैं। इसे पंचायत सचिव संगठन की कमजोरी न समझी जाएं। 5 माह से प्रदेश की 70-80 प्रतिशत जनपदों की ग्राम पंचायतो में सचिवों को वित्त विभाग के आवंटन के आभाव में वेतन नहीं मिलने से प्रदेश के हजारो पंचायत सचिव खुन के आंसु रो रहे हैं।
जिस सिस्टम में मजदूरी करने वाले को मजदूरी का पैसा और नौकरी करने वाले को समय पर वेतन नहीं मिलती हैं, यह शर्म का विषय हैं, शासन व प्रशासन के लिये हैं। पंचायत सचिव संगठन की प्रदेशअध्यक्ष दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री व अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखकर पुछा है कि क्या हमेंं अपने वेतन के लिये आपके सामने आंदोलन करना पड़ेगा, सरकार ?
वेतन भुगतान के लिये हर तीन माह में पंचायत राज संचालनालय और मंत्रालय के सैंकड़ो बार चक्कर काटने पड़ते हैें। पुरे प्रदेश में ग्लोबल विकास अकाउंट से अध्यापकों, पटवारीयों, प्रदेश के समस्त संवर्ग के कर्मचारीयों को महीने की 1 तारीख को वेतन भुगतान करने का प्रावधान किया गया हैं। लेकिन ये सिर्फ अपनी रोटी सैंककर अपना वेतन पाने वाले अधिकारीयों और कर्मचारीयों के लिये हैं। पंचायती राज के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपने को साकार कर ५२ हजार गांव में सजग प्रहरी के रूप में जनता के सच्चे सेवक पंचायत सचिवों के लिये नहीं हैं। यही दुर्भाग्य इस पंचायत विभाग का है।
पंचायत सचिव संगठन ने मांग की है कि पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव पर पंचायत सचिव संगठन को पुरा भरोसा हैं। वो अपनी कार्यकुशलता सेे दीर्घकाल से चली आ रही बड़ी विसंगती का हल कराकर ग्लोबल अकाउंट से नियमित भुगतान की व्यवस्था और ३१ जनवरी से पूर्व प्रदेश का 3 से 5 माह का वेतन भुगतान जारी करें, अन्यथा की स्थिति में 5 फरवरी से मैं स्वयं मंत्रालय के सामने अकेला सड़क पर अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठूंगा।