भोपाल। मध्यप्रदेश के उप स्वास्थ्य केंद्राें में संविदा पर की गई एएनएम की भर्ती विवादाें में घिर गई है। उम्मीदवाराें ने गड़बड़ी का आराेप लगाते हुए कहा है कि अनारक्षित काेटे के पदाें पर एसटी, एससी और ओबीसी काेटे के उम्मीदवाराें की भर्ती की गई है। इसके लिए जिम्मेदाराें ने अनारक्षित काेटे के याेग्य उम्मीदवाराें काे भर्ती प्रक्रिया से बाहर किया गया है। उम्मीदवाराें का आराेप है कि 5041 की मेरिट लिस्ट जारी हाेने पर भी सामान्य वर्ग की 84 एएनएम काे नियुक्ति दी गई है।
दरअसल, एनएचएम ने प्रदेश के उप स्वास्थ्य केन्द्रों में 2019 एएनएम की पदस्थापना के लिए भर्तियां निकालीं थीं। इसमें 673 अनारक्षित, 75 ईडब्ल्यूएस, 403 एससी (20 फीसदी) एसटी (16 फीसदी) और 545 ओबीसी (27 फीसदी) पदों के आरक्षण के अनुसार विज्ञापन जारी किया था। आवेदकों का आरोप है कि एनएचएम ने सामान्य वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस कोटे) के पदों पर आरक्षित वर्ग की एएनएम की पदस्थापना की है।
जब वर्गवार आरक्षण का कोटा तय किया गया था तो अनारक्षित वर्ग के पदों पर आरक्षित वर्ग के उम्मीदवाराें को नियुक्ति क्यों दी गई? इस मामले में एनएचएम एमडी छवि भारद्वाज का कहना है कि अनारक्षित सीटों पर मैरिट के आधार पर ही नियुक्तियां की गईं हैं, जो मेरिट में आया उसकी पोस्टिंग की गई है। किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया है।