भोपाल। शाहजहांनी पार्क में अतिथिविद्वानों के आंदोलन ने 45 दिन पूर्ण कर लिए है। इस दौरान अतिथिविद्वानों ने सरकार की संवेदनहीनता के साथ साथ मौसम की मार को भी झेला है। 8 माह से वेतन के लिए तरस रहे अतिथिविद्वानों को सरकार ने सिर्फ फालेन आउट करके नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया बल्कि जो बाहर होने से बच गए थे उनका वेतन लगातार 8 माह से जान बूझकर रोक कर रखा है, जिससे अतिथिविद्वान आर्थिक रूप से टूट जाये एवं धन के अभाव में आंदोलन अधिक दिन जारी न रह सके।किन्तु अतिथिविद्वानों की जीवटता ने आंदोलन को 45वें दिन भी जारी रखा है।
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह एवं डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार सरकार ने अतिथिविद्वानों पर दोहरा प्रहार किया है। एक ओर कई साथियों को सेवा से बाहर करके अतिथिविद्वान शक्ति को दो भागों में बांटने का प्रयास किया दूरी ओर पिछले 8 माह से मानदेय रोककर आर्थिक रूप से अतिथिविद्वानों को तोड़ने का प्रयास किया। शाहजहांनी पार्क के आंदोलन से हम सत्ता में बैठी उन ताकतों को ये संदेश देना चाहते है कि अतिथिविद्वानों का यह आंदोलन अब किसी भी दशा में नियमितीकरण के बिना समाप्त होने वाला नही है। चाहे हम पर कितने प्रहार क्यों न किये जायें, हम अब पीछे हटने वाले नही है।
अतिथि विद्वान दिल्ली कूच की तैयारी में, राहुल गांधी से मिलेंगे
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ जेपीएस चौहान तथा डॉ आशीष पाण्डेय के अनुसार हम अब शाहजहानी पार्क के इस आंदोलन को नई शक्ति व धार देने के उद्देश्य से इस आंदोलन को दिल्ली तक विस्तारित करने की कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं। हमारा आंदोलन जल्द संघर्षपूर्ण दिनों का अर्धशतक लगाने वाला है। कांग्रेस पार्टी के वचनपत्र के मुख्य सूत्रधार कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी रहे हैं। उनके वचनपत्र की मध्यप्रदेश सरकार में क्या दुर्दशा है। यह जानकारी उन तक पहुचाई जाएगी। 45 दिनों से जारी हमारे आंदोलन में सरकार ने जिस प्रकार से अपनी संवेदनहीनता दिखाई है, यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं निराशाजनक है।