भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले 35 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे अतिथि विद्वानों के पंडाल में बीती रात आग लगा दी गई। अतिथि विद्वानों का कहना है कि या घटिया हरकत हमारे आंदोलन को बंद कराने के लिए की गई है लेकिन हम डर कर भागने वालों में से नहीं है। मांग पूरी होने तक यहीं डटे रहेंगे।
प्रदर्शनकारी अतिथि विद्वानों ने आरोप लगाया कि एक बड़ी घटना को अंजाम देने का षड्यंत्र किया गया था क्योंकि घटना के समय पंडाल में लगभग 500 अतिथिविद्वान सो रहे थे, जिसमें महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल है। सतर्कता और मुस्तैदी से आग पर जल्द क़ाबू पा लिया गया अन्यथा एक बड़ा हादसा हो सकता था। अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह के अनुसार यह एक कायराना घटना है। हम इसकी निंदा करते है। हमारी सरकार से कई मुद्दों पर बात चल रही थी। हमने अपनी समस्याओं स संबंधित मांगपत्र भी अधिकारियों एवं मंत्री जी को उपलब्ध कराया है। अतिथिविद्वान पूर्णतः गांधीवादी तरीके से अपनी बात शासन तक पहुँचाने के उद्देश्य से आंदोलन कर रहे है। किंतु कुछ असामाजिक तत्व इसमे बाधा उत्पन्न करना चाहते है।
ऐसी घटनाओं से हम डरने वाले नही
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा में प्रदेश प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने कहा है कि इस प्रकार की कायरतापूर्ण कार्यवाही से हमारा हौसला कम होने वाला नही है। ऐसी घटनाएं स्पष्ट करती है कि हम सही रास्ते पर चल रहे है तथा हम अपराधियों को ये बता देना चाहते है कि हमने नियमितीकरण का एक लक्ष्य लेकर इस आंदोलन को प्रारम्भ किया है। एवं ऐसी घटनाओं से हमारा हौसला कम होने वाला नही है। हम आपने लक्ष्य के बेहद करीब है एवं ऐसी घटनाओं से लोग ध्यान भटकाना चाहते है। वास्तव में यह एक बेहद गंभीर षड्यंत्र है। और अतिथिविद्वानों के पंडाल को ही लाक्षागृह बनाने का कुत्सित प्रयास किया गया है। उल्लेखनीय है कि पक्ष विपक्ष में कई नेताओं ने ट्वीट कर इस घटना की कड़ी निंदा की है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ आनंद राय, अजय दुबे सहित कई विधायकों ने सोशल मीडिया में माध्यम से घटना की आलोचना करते हुए अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी की आशा जताई है ।
अतिथिविद्वानों की मुस्तैदी से बड़ा हादसा होने से बचा
मोर्चा के मीडिया प्रभारी एवं प्रत्यक्षदर्शी डॉ जेपीएस चौहान ने बताया कि घटना आधी रात के करीब घटी जब हमारे कुछ साथियों ने पंडाल के एक हिस्से को जलते हुए देखा। कुछ लोग भागते हुए भी दिखाई दिए उनका पीछा किया गया किन्तु अंधेरे का फायदा उठाकर वे लोग भाग खड़े हुए। पंडाल के चारो ओर केरोसिन या पेट्रोल जैसी गंध वाला ज्वलनशील पदार्थ छिड़का हुआ था। इससे स्पष्ट हो रहा है कि आरोपियों की मंशा अतिथिविद्वानों को ज़िंदा टेंट में जला देने की थी किन्तु सौभाग्य से कुछ साथियों की नींद खुल गयी एवं एक बड़ा हादसा होते होते टल गया। रात में ही पुलिस को ख़बर दी गई थी। पुलिस ने अपनी जांच प्रारम्भ कर दी है किंतु यह सोचनीय तथ्य है कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद है कि करीब ही तलैया थाना है, किन्तु फिर भी आरोपी घटना को अंजाम देने में सफल हो गए। घटना के संबंध में आगे बताते हुए मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय ने बताया कि हमारा आंदोलन कई लोगों की आंखों की किरकिरी बना हुआ है। जबकि हम लोग केवल अपने भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे है।
पंडाल में आग लगाना गहरा षड्यंत्र, सरकार करे सुरक्षा के उपाय
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार आंदोलन लगातार 35 दिनो से चल रहा है। किन्तु इस प्रकार की घटना अब तक देखने में नही आई थी। यह एक सामान्य घटना नही बल्कि हमारे खिलाफ एक गहरा षड्यंत्र है। हम जिला एवं पुलिस प्रशासन से अपनी सुरक्षा के साथ साथ मांग करते है कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों की पतासाजी की जानी चाहिए।