इंदौर। मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा को लेकर कुछ महीने में बड़ा बदलाव होने की संभावना है। इसके तहत तीन साल पहले खत्म हुए सेमेस्टर सिस्टम को फिर से यूजी कोर्स (Under Graduate Courses) में लागू करने की तैयारी की जा रही है। शनिवार को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की बैठक में शामिल होने आए उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने इसके संकेत दिए हैं। उनका कहना है कि वर्तमान शिक्षा पद्धति को देखते हुए फिर से सेमेस्टर सिस्टम लागू करना बेहद जरूरी है। फिलहाल विभाग की तैयारियां अंतिम दौर में चल रही है। संभवतः सत्र 2020-21 से बीए, बीकॉम और बीएससी में सेमेस्टर सिस्टम से परीक्षाएं कराई जाएंगी।
खंडवा रोड स्थित ईएमआरसी में मंत्री पटवारी ने मीडिया के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में क्वालिटी एजुकेशन पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए व्यवस्था बनाने की जरूरत है। विभाग ने काम शुरू कर दिया है। क्वालिटी एजुकेशन के अलावा शिक्षा का स्तर सुधारना है जिसके निरंतर प्रयास किए जाएंगे। उसी का एक हिस्सा सेमेस्टर सिस्टम है, जो शिक्षा की बेहतरी के लिए लागू किया जाएगा। मंत्री ने सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षा प्रणाली को लेकर डीएवीवी की बैठक में भी प्रोफेसरों से राय ली। ज्यादातर प्रोफेसर सेमेस्टर सिस्टम के पक्ष में थे। कुछ प्रोफेसरों ने यूजीसी का भी हवाला देते हुए सिस्टम को बेहतर बताया।
कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम सत्र 2008-09 में लागू किया था। इसके चलते विश्वविद्यालय को पूरे साल परीक्षा करवानी पड़ती थी। सेमेस्टर सिस्टम के तहत विद्यार्थियों को यूजी में पांच साल कोर्स पूरा करने के लिए दिए जाते थे। सेमेस्टर सिस्टम का विद्यार्थी और छात्र संगठनों ने भी विरोध किया था। 2016 में प्रदेश सरकार ने सेमेस्टर सिस्टम खत्म कर दोबारा वार्षिक परीक्षा प्रणाली लागू की, मगर यह व्यवस्था सिर्फ यूजी कोर्स के लिए अपनाई गई।