भोपाल। भूमाफिया के खिलाफ जारी अभियान के तहत शुक्रवार को रायसेन जिला प्रशासन ने कुख्यात बदमाश मुख्तार मलिक की 50 लाख रु. की एक कोठी जमींदोज कर करीब एक करोड़ रु. की जमीन कब्जे से मुक्त कराई। कोठी मुख्तार की पत्नी शीबा के नाम है, जो एनएच-12 से लगे नंदोरा गांव में चरनोई की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाई गई थी। मुख्तार ने 2014 से यहां 17 हजार वर्गफीट जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था। इसमें से 4000 वर्ग फीट पर यह कोठी बनी थी, बाकी हिस्से में डेयरी बना रखी थी।
कार्रवाई के दौरान एसडीएम, तहसीलदार, दो एसडीओपी, 8 थाना प्रभारी और करीब 103 पुलिस जवान मौजूद थे। रायसेन जिले में किसी भूमाफिया के खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई है। जबकि मुख्तार पर यह दूसरी कार्रवाई है। इससे पहले भोपाल में उसके कब्जे का एक मकान जब्त किया जा चुका है।
तहसील कोर्ट से हुआ बेदखली का आदेश
पटवारी की रिपोर्ट में सरकारी जमीन पर इस अवैध कब्जे की बात सामने आने के बाद गौहरगंज तहसील में प्रकरण चला। इसके बाद तहसीलदार संतोष बिटोलिया ने अवैध निर्माण तोड़ने और जमीन से मुख्तार की पत्नी शीबा को बेदखली का आदेश जारी किया। फिर प्रशासन ने दो दिन में अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दिया। जब अतिक्रमण नहीं हटा तो कार्रवाई के पहले भी प्रशासन ने दो घंटे की मोहलत दी।
क्षेत्र से मुख्तार के आतंक का खात्मा
क्षेत्रवासियों ने बताया कि इस कोठी में ठहरकर लोग आसपास के जंगलों में जंगली जानवरों का शिकार करते थे। यहां पार्टियां मनाने सहित कई तरह के अवैध काम भी किए जाते थे। लेकिन, मुख्तार के नाम का क्षेत्र में आतंक था, इसलिए कोई शिकायत नहीं करता था।