भोपाल। सोशल मीडिया पर बुलाए गए भारत बंद के मामले में भोपाल के बाजार ने एक बार फिर अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है। शहर के थोड़ी से व्यापारी दो हिस्सों में बंटे हुए नजर आए लेकिन ज्यादातर व्यापारी अपने कारोबार में व्यस्त रहे। क्योंकि भोपाल की किसी भी लोकल संगठन ने बंद नहीं बुलाया था इसलिए व्यापारियों ने सोशल मीडिया की अफवाह पर कोई ध्यान नहीं दिया। शहर में धड़ल्ले से कारोबार हुआ और लोग बेधड़क घरों से निकले।
भोपाल के किसी लोकल संगठन ने आधिकारिक सूचना नहीं दी थी
प्रशासन की ओर से पहले ही ये साफ कर दिया गया था कि शहर में धारा 144 लागू है। लिहाजा किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति लोगों को नहीं दी जाएगी। पुलिस ने ये भी साफ कह दिया था कि किसी ने जबरन दुकानें बंद करायीं तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने सोशल मीडिया में अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ भी नज़र रखने के लिए अलग से टीम बनाई थी। आज के इस बंद का ऐलान सोशल मीडिया में किया गया था। किसी राजनीतिक दल ने बंद नहीं बुलाया था। कुछ संगठनों की ओर से सीएए, एनपीआर और एनआरसी के विरोध में बंद का आह्वान किया गया था।
सिर्फ पॉलिटिकल कनेक्शन वाले दुकानदारों के यहां पोस्टर लगे
भोपाल में भारत बंद का कोई खास असर नजर नहीं आया। पुराने भोपाल में भी कई लोगों ने केवल इसलिए दुकानें बंद रखी ताकि कोई तनाव वाली स्थिति ना बने। पॉलिटिकल कनेक्शन वाले दुकानदारों ने जरूर अपनी भावनाओं का खुलकर प्रदर्शन किया। बंद दुकानों पर नागरिकता संशोधन कानून का विरोध वाले पोस्टर लगे थे जबकि खुली दुकानों पर समर्थन वाले। यह संख्या इतनी ज्यादा नहीं थी कि आप इसे पूरा बाजार कह सकें। ज्यादातर दुकानदार तटस्थ नजर आए। उन्हें अपने कारोबार की चिंता थी।
पुलिस की मोबाइल टीम तैनात रही
भारत बंद को देखते हुए भोपाल पुलिस पूरी तरह मुस्तैद नज़र आई। शहर के प्रमुख चौराहों और बाजारों में पुलिस बल तैनात रहा। पूरे शहर में नज़र बनाए रखने के लिए पुलिस की ओर से मोबाइल टीम बनायी गयी थीं। ये टीमें बाजारों में घूम घूम कर स्थिति का जायजा ले रही थीं। साथ ही लोगों को ये ताकीद भी दी जा रही थी कि प्रदर्शन या दुकानों को जबरन बंद ना कराएं।