भोपाल। लॉ की पढ़ाई कर रहे एक स्टूडेंट हिमांशु दीक्षित ने हाईकोर्ट में एक पिटिशन फाइल की है। हिमांशु ने बताया है कि मध्यप्रदेश में पुरुषों के लिए हेलमेट अनिवार्य किया गया है लेकिन महिलाओं के लिए नहीं। हिमांशु का सवाल है कि क्या मध्य प्रदेश सरकार को महिलाओं की जान की परवाह नहीं है। मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सरकार की ओर से जवाब पेश करने अतिरिक्त मोहलत मांगी गई। चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ ने सरकार को जवाब पेश करने अंतिम मोहलत देते हुए मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी निर्धारित की है।
4 साल में रोड एक्सीडेंट में 580 महिलाओं की मौत हुई
भोपाल के एक विधि छात्र हिमांशु दीक्षित ने याचिका दायर कर बताया कि मप्र मोटर व्हीकल एक्ट 1994 की धारा 15एक और 21 के तहत महिलाओं को हेलमेट लगाना अनिवार्य नहीं है। 2015 से 2019 के बीच 2142 सड़क हादसों में 580 महिलाओं की मौत हुई है। हेलमेट की अनिवार्यता में छूट से महिलाओं की जान को खतरा है।
मध्य प्रदेश मोटर व्हीकल एक्ट 1994 में बदलाव की मांग
छात्र ने कहा- सरकार एक तरफ महिला सशक्तिकरण के दावे कर रही है, नि:शुल्क ड्राइविंग लाइसेंस बना रही है, वहीं दूसरी तरफ छूट देकर उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। याचिका में एक्ट में उक्त प्रावधान में बदलाव करने की मांग की गई है।