छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के अन्य विभाग चौरई में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक रमेश दुबे ने नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा उठा दिया। वह मंच से समारोह को संबोधित कर रहे थे इसी दौरान उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून पर बोलना शुरु कर दिया। कार्यक्रम स्थल पर मौजूद एसडीएम मेघा शर्मा ने उन्हें रोका और कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा करवा दी। उमा भारती ने इस मामले में आपत्ति जताई है।
चौरई गणतंत्र दिवस समारोह में CAA को लेकर क्या हुआ
रविवार को चौरई के स्टेडियम में गणतंत्र दिवस के मौके पर कार्यक्रम में भाजपा के पूर्व विधायक रमेश दुबे समापन भाषण दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून पर बोलना शुरू किया, तभी एसडीएम मेघा शर्मा के कहने पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी पूर्व विधायक दुबे के पास पहुंचे और भाषण समाप्त करने के लिए कहा। इस पर पूर्व विधायक ने कहा कि यह कानून केंद्र सरकार ने पारित किया है, यह विषय संविधान से जुड़ा है। इस पर बोलने से मुझे कैसे रोका जा सकता है। इस पर एसडीएम ने कहा कि ये विवादित विषय है।
'ये अधिनियम है, इस पर बोलने से नहीं रोक सकतीं'
पूर्व विधायक दुबे ने मंच से एसडीएम से कहा- यह अधिनियम है मैडम, इस विषय पर बोलने से आप नहीं रोक सकतीं। इस दौरान एसडीएम ने कहा कि आप गणतंत्र दिवस को लेकर बोलें। एसडीएम ने कार्यक्रम को जल्द खत्म करने और कहीं बैठक में जाने की बात कही तो पूर्व विधायक बोले- उन्होंने बैठक में जाने से कहां रोका है। इसके बाद पूर्व विधायक दुबे ने कहा कि मुझे नागरिकता संशोधन कानून पर बोलने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने अपना भाषण समाप्त कर दिया और अपनी सीट पर जाकर बैठ गए।
उमा भारती ने आपत्ति जताई
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता उमा भारती ने कहा कि नागरिकता कानून संसद के दोनों सदनों में पास हो चुका है, ऐसे में कोई सरकारी अधिकारी यदि इसको विवादास्पद विषय मानता है तो वह भी भारतीय संविधान की अवमानना करता है। लगता है मध्य प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारी यह भूल गए हैं कि यहां पर कांग्रेस की सरकार है किंतु यहां के सरकारी अधिकारी कांग्रेस के कार्यकर्ता नहीं हैं। चापलूसी की सारी मर्यादाएं पार करते हुए संवैधानिक दायित्व का ही स्मरण न रहना देश और मध्य प्रदेश राज्य के लिए यह घातक होगा।