भोपाल। अतिथिविद्वानों का इस प्रदेश की उच्च शिक्षा के विकास में प्रमुख योगदान है। उनके नियमितिकरण का मुद्दा बहुत सोच समझकर की कांग्रेस पार्टी के वचनपत्र में शामिल किया गया था। कांग्रेस पार्टी के वचनपत्र के प्रमुख शिल्पकार पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी है, एवं वचनपत्र का अक्षरशः पालन करना कमलनाथ सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। यह बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने बहुचर्चित भोपाल प्रवास के दौरान अतिथिविद्वानों के एक प्रतिनिधिमंडल से भेंट करने के दौरान कही।
हमें उम्मीद है सिंधिया, राहुल गांधी को बताएंगे: देवराज सिंह
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह के अनुसार अतिथिविद्वानो ने कांग्रेस पार्टी को वचन स्मरण कराने के उद्देश्य से लगभग हर वरिष्ठ नेता के द्वार पर दस्तक दी है। किन्तु अब तक हमारी स्थिति में कोई सुधार नही हुआ है। इसी कड़ी में हमने आज पार्टी के बरिष्ठ नेता सिंधिया जी से मुलाकात करके अपनी पीड़ा उनके समक्ष रखी है। उन्होंने हमारी आवाज़ कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व तक पहुँचाने का वादा भी किया है। हमें उम्मीद है हमारी आवाज़ और पीड़ा वे अवश्य सोनिया गांधी व राहुल गांधी तक पहुचायेंगे।
अधिकारी आंदोलन समाप्त करवाने अतिथिविद्वानों पर बना रहे दबाव
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार अतिथिविद्वानो पिछले 42 दिनों से अपनी नियमितीकरण की मांग को पूरा करवाने भोपाल स्थित शाहजहानी पार्क में आंदोलन कर रहे है। बहुचर्चित हो चुके इस आंदोलन को समाप्त करवाने अतिथिविद्वानों को तरह तरह से परेशांन किया जा रहा है। अधिकारियों के इशारे पर कईं अतिथिविद्वानो को गलत तरीके से कालेजों से अनुपस्थित दिखा कर, कभी अतिथिविद्वानों की सेवा संतोषजनक न होना बताकर उनकी सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जा रही है। जिससे आंदोलन कर रहे अतिथिविद्वानों के मनोबल को तोड़ा जा सके। किन्तु अतिथिविद्वानों का हौसला इस प्रकार की कार्यवाही से टूटने वाला नही है। जितना हमारा मनोबल तोड़ने की कोशिश की जाएगी, हम और मज़बूत होकर उभरेंगे। इससे हमारा आंदोलन और अधिक मजबूत होगा।
आंदोलन को कमज़ोर करने नही दिया जा रहा मानदेय
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी व आंदोलन का प्रबंधन संभाल रहे डॉ जेपीएस चौहान तथा डॉ आशीष पांडेय के अनुसार अतिथिविद्वानों को आर्थिक रूप से कमज़ोर करके आंदोलन को प्रभावित करने के उद्देश्य से अतिथिविद्वानों को कई माह से मानदेय तक का भुगतान नहीं किया जा रहा है। लगभग 8 माह से अतिथिविद्वानों को विभिन्न तरीके से मानदेय का भुगतान नही किया गया है। उल्लेखनीय है कि आंदोलन का प्रतिदिन का खर्च हज़ारों में है। इतने दिनों से मानदेय का भुगतान न होने से अतिथिविद्वान आर्थिक रूप से टूट चुके है। जबकि अभी तक उनके नियमितीकरण की प्रक्रिया भी प्रारम्भ नही हो सकी है।