ग्वालियर। शहर के बेहद चर्चित रामप्रकाश यादव और उनके पुत्र अजीत यादव के मर्डर केस में कोर्ट ने हत्यारोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। चतुर्थ अपर जिला जज सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने मुख्य आरोपी गजेन्द्र यादव, कल्याण यादव, विनोद माहौर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 13 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। आरोपी कल्याण यादव भाजपा नेता बताये गए हैं। और पूर्व मेला डारेक्टर भी रह चुका है।
सात साल पहले फरवरी 2013 में कांग्रेस नेता एवं बाहूबली माने जाने वाले रामप्रकाश यादव की सचिन तेंदुलकर मार्ग पर ताबड़तोड़ फायरिंग में हत्या कर दी गई थी। रामप्रकाश अपने पुत्र अजीत व भतीजों के साथ जीवाजी क्लब में एक शादी समारोह से अपने गांव मोहनपुर के लिए निकला था। सचिन तेंदुलकर मार्ग पर जैसे ही उनकी गाड़ी पहुंची उनके पीछे से आ रही हमलावरों की गाड़ी ने उनको ओवर टेक किया और अंधाधुंध फायरिंग करते हुए रामप्रकाश व उसके पुत्र अजीत यादव की हत्या कर दी गई।
जबकि उसके चचेरे भाई रमेश सिंह और दूसरा बेटा इंद्रजीत घायल हो गए थे। पुलिस ने इस मामले में मृतक के परिजनों की शिकायत पर गजेन्द्र यादव, मोनू यादव, अजीत, भूरा व कल्याण यादव को आरोपी बनाया था। कल्याण यादव भाजपा नेता भी रहा है। इस मामले में आरोपी मोनू यादव की हत्या भी हो चुकी है। करीब सात साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने गजेन्द्र यादव और उसके तीन साथियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
हाईप्रोफाइल डबल मर्डर में फैसला आने को लेकर पुलिस ने भी जिला न्यायालय के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। शाम को आरोपियों को सजा सुनाये जाने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेजा गया। वहीं मृतक रामप्रकाश के पुत्र इंद्रजीत ने एक दिन पहले ही मुरार पुलिस व एसपी को अपनी जान का खतरा बताया था। इसके बाद पुलिस ने उनको सुरक्षा गार्ड उपलब्ध करा दिया गया है।