इंदौर। आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) में गरीब लोगों को पांच लाख तक का कैशलेस इलाज मुहैया कराने नियमों में बदलाव का असर दिखने लगा है। शहर के 5 निजी अस्पताल प्रक्रिया में शामिल हुए हैं। जल्द योजना में शामिल होने के लिए एनएबीएच (नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स) की मान्यता जरूरी नहीं होगी।
पहले एनएबीएच सर्टिफिकेट सहित सरकारी अस्पतालों में ही कई बीमारियों के इलाज की अनिवार्यता थी। प्रदेश में इन नियमों में बदलाव किया गया है। इंदौर में सीएचएल, मेदांता, भंडारी, चोइथराम व बारोड अस्पताल योजना (CHL, Medanta, Bhandari, Choithram and Barod Hospital Scheme) में शामिल होने के लिए आवेदन कर चुके हैं। पहले अरबिंदो व इंडेस मेडिकल कॉलेज के साथ यूनिक, मेडिप्लस, चोइथराम नेत्रालय सहित अन्य नेत्र अस्पताल योजना में जुड़े थे। अब इसमें निजी अस्पतालों की संख्या 19 हो गई है। 241 बीमारियों का इलाज फ्री फॉर ऑल सरकारी अस्पतालों के लिए आरक्षित 473 पैकेज (बीमारियां) को कम कर 241 बीमारियों का इलाज फ्री फॉर ऑल कर दिया गया है।
इस तरह बाकी बीमारियों का इलाज मरीज अपनी मर्जी से निजी या सरकारी अस्पतालों में करा सकेगा। अभी कई बीमारियों के इलाज की सुविधा जिला अस्पतालों तक में नहीं है। ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज जाना पड़ता है, जिससे वहां दबाव बढ़ रहा है। अब सरकारी अस्पतालों में 232 तरह की बीमारियों के इलाज की अनिवार्यता होगी।