नई दिल्ली। नाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) ने 31 जनवरी से दो दिन के हड़ताल का आह्वान किया है। यूएफबीयू नौ ट्रेड यूनियनों का प्रतिनिधित्व करता है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक संगठन ने 11 मार्च से तीन दिन की हड़ताल की घोषणा की है। उसने कहा है कि अगर उसके बावजूद भी उनकी मांगों को नहीं माना गया तो एक अप्रैल, 2020 से बैंक कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। बैंक यूनियनों की तीन चरण में हड़ताल की योजना है।
हड़ताली बैंक कर्मचारियों की मांगे क्या हैं
UFBU के संयोजक संजीव कुमार बंदलिश के मुताबिक इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के चेयरमैन, वित्त सेवा विभाग के सचिव और श्रम मंत्रालय के मुख्य श्रम आयुक्त को हड़ताल के संदर्भ में पहले ही पत्र भेजा जा चुका है। बकौल बंदलिश वेतन में संशोधन, बैंकिंग सिस्टम को पांच दिन करने, विशेष भत्ता को मूल वेतन में शामिल करने, नई पेंशन योजना को खत्म करने जैसी कई मांगों के काफी समय से लंबित होने के कारण हड़ताल पर जाने का निर्णय किया गया है।
कर्मचारी का वेतन बैंक में ही अटक जाएगा
अगर यह प्रस्तावित हड़ताल अमल में आती है तो देश की एक बड़ी आबादी को इस बार विलंब से वेतन मिलेगी। ऐसा इसलिए कि अधिकतर विभागों एवं कंपनियों में महीने के आखिरी दिन या नए महीने के पहले दिन सैलरी आती है। इस बार 31 जनवरी को शुक्रवार है, एक फरवरी को शनिवार है और दो फरवरी को रविवार है। ऐसे में आपको वेतन मिलने में देरी हो सकती है। इससे ईएमआई पेमेंट, क्रेडिट कार्ड पेमेंट जैसी आपकी वित्तीय योजनाओं पर भी असर पड़ सकता है। जिन लोगों को चेक से सैलरी मिलती है, उन्हें तो और दिक्कत हो सकती है क्योंकि तीन दिन लगातार बैंक बंद रहने के बाद चेक क्लियर होने में काफी वक्त लग सकता है।
8 जनवरी को भारत बंद में भी लिया था हिस्सा
बैंक कर्मचारियों ने केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों की ओर से आयोजित भारत बंद में भी अपनी मांगों को लेकर हिस्सा लिया था।