भोपाल। इंदौर में आग लगाने वाले बयान के बाद कैलाश विजयवर्गीय सहित 350 भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामले में सियासत तेज हो गई है। कैलाश विजयवर्गीय की संभावित गिरफ्तारी की खबर के बाद उमा भारती, गोपाल भार्गव सहित कई नेता कैलाश विजयवर्गीय के बचाव में उतरे तो इंदौर पुलिस ने नया पैंतरा फेंक दिया। इंदौर पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच प्रक्रिया जारी है। इस मामले में विधायक आकाश विजयवर्गीय सहित कई और नाम भी जुड़ सकते हैं।
इंदौर में भाई का पूरा नेटवर्क कार्रवाई की जद में लाने की तैयारी
सुमित्रा महाजन ' ताई' के कारण इंदौर में कैलाश विजवर्गीय को भाजपा का भाई भी कहा जाता है। कैलाश विजयवर्गीय का यहां एक मजबूत नेटवर्क है। ताजा मामले में एक सोची-समझी रणनीति नजर आ रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि दर्द FIR में भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक राजेश सोनकर और कुछ पार्षदों को भी नामजद किया जाएगा। पुलिस ने इंदौर में आग लगाने की धमकी देने वाले विवादित बयान का पूरा वीडियो देखने के बाद यह फैसला किया है। कुल मिलाकर कैलाश विजयवर्गीय का इंदौर में सक्रिय पूरा नेटवर्क कार्रवाई की जद में लिया जा रहा है।
पुलिस कार्रवाई पर सवाल: FIR इंदौर में शांति या सीएम कमलनाथ का तनाव करने के लिए
पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच के बाद गिरफ्तारी की जाएगी परंतु अब तक नामजद हो चुके आरोपियों को नोटिस तक जारी नहीं हुए हैं। पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। क्या पुलिस एक पॉलिटिकल टूल की तरह काम कर रही है। धमकी भरे बयान के बाद जो FIR दर्ज की गई है उसका लक्ष्य क्या है। क्या वह इंदौर में शांति स्थापना के लिए की गई है या फिर मुख्यमंत्री कमलनाथ का तनाव कम करने के लिए की गई है। यह बताना जरूरी है कि इस FIR दर्ज होने से पहले भाजपा नेता कैलाश विजवर्गीय लगातार मुख्यमंत्री कमलनाथ को टारगेट कर रहे थे। सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि इस मामले में ठोस कार्रवाई से ज्यादा बयानबाजी हो रही है। संदेह जताया जा रहा है कि यह FIR सिर्फ दबाव बनाने के लिए दर्ज की गई है।
जीतू सोनी के समर्थन में उतरे थे, कार्रवाइयों में अड़ंगा लगाते हैं
पिछले 1 साल में कैलाश विजयवर्गीय और उनके समर्थक इंदौर में लगातार सरकारी कार्रवाइयों में रंग लगाते नजर आए हैं। कैलाश विजयवर्गीय के विधायक पुत्र आकाश विजयवर्गीय की गिरफ्तारी भी इसी दौरान हुई थी। पिछले दिनों जीतू सोनी के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने चेतावनी भरा बयान जारी किया था। जीतू सोनी हनी ट्रैप केस में सभी नामों का खुलासा करने की कोशिश कर रहे थे। कैलाश विजयवर्गीय ने घोषणा की थी कि यदि पुलिस कार्रवाई के दौरान सभी संलिप्त अधिकारियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए तो फिर यह काम वह खुद करेंगे।