बिजली का उपयोग तो हम सभी करते हैं। करंट के झटकों के बारे में भी सभी जानते हैं। हम यह भी बहुत अच्छी तरीके से जानते हैं कि करंट के वोल्टेज जितने ज्यादा होंगे झटका उतना ही तेज होगा। 440 वाट का करंट लगने पर मौत भी हो जाती है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है बिजली के तारों में करंट की स्पीड कितनी होती है। जहां पर बिजली का उत्पादन हो रहा होता है वहां से आपके घर तक करंट को पहुंचने में कितना समय लगता है। आइए आज इसी विषय पर बात करते हैं:
इलेक्ट्रॉनिक टेलीकम्युनिकेशन में डिप्लोमा करने वाले राजशेखर वी पंडित बताते हैं कि बिजली के तारों में करंट की स्पीड उतनी ही होती है जितनी प्रकाश की गति होती है। क्योंकि दोनों ही विद्युत चुंबकीय तरंग है। केवल फ्रीक्वेंसी का फर्क है। इस फार्मूले के आधार पर बिजली के तारों में करंट की गति 299,792,458 मीटर प्रति सेकेण्ड है।(लगभग तीन लाख किलोमीटर प्रति सेकैण्ड)
प्रकाश की गति नापने का फार्मूला
आपने अक्सर देखा होगा आकाश में जब बिजली चमकती है तो सबसे पहले बिजली दिखाई देती है फिर उसकी आवाज सुनाई देती है। यानी प्रकाश की गति ध्वनि की गति से तेज होती है। अंतरिक्ष जैसी शून्यता में प्रकाश की एकदम सही गति 2,99,792.458 किलोमीटर प्रति सेकंड है। ऋग्वेद में सूर्य की प्रकाश की गति इतनी ही बताई गई है। सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग 14,96,00,000 किलोमीटर या 9,29,60,000 मील है तथा सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में 8 मिनट 16.6 सेकंड का समय लगता है। इसीलिए जब सूर्य उदय होता है तो हम सूरज को नंगी आंखों से आसानी से देख पाते हैं। लेकिन जब उसका प्रकाश हमारे पास तक पहुंच जाता है तब हम सूरज से आंख नहीं मिला पाते।
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