ग्वालियर। महाराज बाड़े पर स्थित ऐेतिहासिक विक्टोरिया मार्केट (Victoria Market gwalior) का पुराना वैभव लौटने के साथ यहां घड़ी स्थल पर चार नई घड़ियां लगाई जाएंगी। गौरतलब है कि 1905 में तैयार हुई विक्टोरिया मार्केट का लोकार्पण प्रिंस ऑफ वेल्स ने किया था। विक्टोरिया मार्केट में केंद्र सरकार की 35 करोड़ की लागत से बनाया जाने वाला भू-वैज्ञानिक संग्रहालय (जियोलॉजिकल म्युजियम) भी जल्द आकार लेना शुरू कर देगा। इसका अभी इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य चल रहा है।
यह काम नगर निगम ने दिल्ली की राॅयल टाॅवर कंपनी (Royal Tavern Company) काे साैंपा है। सात लाख रुपए खर्च कर कंपनी चाराें दिशा में ऐसी घड़ियां लगाएगी, जाे सैटेलाइट से चलेंगी। इनमें जीपीएस रहेगा।दिन में दो बार घड़ी स्वत: रीसेट होगी। यदि एक-दो मिनट का अंतर समय में हाेगा ताे वह खुद ठीक हो जाएगा। राॅयल टाॅवर कंपनी के डायरेक्टर संजय धवन का कहना है कि शाम छह बजते ही चारों घड़ियों की लाइट अपने आप जल जाएगी। और सुबह 6 बजते ही अपने आप बंद भी हो जाएगी। 5 जून 2010 को भीषण अग्निकांड में विक्टोरिया मार्केट भवन का ज्यादातर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। बाड़े पर यह ऐतिहासिक इमारतों में शामिल है इसलिए इसे उसी रूप में लौटाया गया है। नगर निगम ने इस पर चार करोड़ से ज्यादा राशि खर्च की है। इस इमारत को अब जियोलॉजिकल म्युजियम के लिए आरक्षित कर दिया है।
म्युजियम का काम केंद्रीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (खनन) मंत्रालय ने अपने हाथ में लिया है। दीवारों पर कांच लगाया जा रहा था लेकिन अब पहले बाहर की ओर नक्काशीदार पत्थर की जालियां लगाई जाएंगी फिर कांच। इससे विक्टोरिया मार्केट के पुराना वैभव लौट सकेगा। नक्काशीदार जालियों पर 55 लाख रुपए खर्च होंगे। इसके टेंडर भी हो चुके हैं।