ग्वालियर। छत्री बाजार स्थित हनुमानमंदिर को संवारने के लिए शहर के ऐरनपरिवार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर संवारा गया और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया। रोकडिया सरकार पर दर्शन करने हर रोज हजारों भक्त पहुंचते हैं और जिनकी मनोकामना पूरी हो जाती है वह भंडारे, प्रसादी वितरण और सुंदरकांड का पाठ कराते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से सिंधिया ट्रस्ट द्वारा इन सब पर बैन लगा दिया है।
इसी तरह कोटेशवर महादेव मंदिर पर भी सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट ने रोक लगा दी है। सभी तरह के आयोजन मंदिर परिसर से बाहर करने के लिए कहा गया है। मंदिर परिसर में आयोजन करने के लिए ट्रस्ट से अनुमति लेनी होगी और निर्धारित शुल्क भी देना होगा।
सिंधिया ट्रस्ट द्वारा रोकडिया सरकार के द्वारों को हटाकर सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट, हनुमान मंदिर छत्री कर दिया है। रोकडिया सरकार का नाम बदलने और धार्मिक आयोजनों पर सिंधिया ट्रस्ट द्वारा लगाए गए बैन से भक्तों में नाराजगी भी बनी हुई है। छत्री बाजार स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर को रोकडिया सरकार के नाम से बरसों से लोग जानते हैं और यहां पहुंचकर अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं और जिनकी पूरी हो जाती हैं वह सुंदरकांड का पाठ और प्रसादी वितरण कराते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से इन सब पर रोक लगा दी है।
हर साल होता है महाआयोजन
पिछले 4 बरसों में ऐरन परिवार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर हनुमान जयंती पर महाआयोजन किया जाता है। हनुमान जयंती की तैयारियां एक माह पहले से ही शुरू हो जाती हैं और मंदिर को भव्य रूप ऐरन परिवार द्वारा दिया गया है। इस मंदिर को भव्य रूप देने में कई सामाजिक संस्थाओं ने अपनी भागीदारी निभाई है।
सडक़ पर करनी पड़ रही है प्रसादी वितरण
सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट द्वारा छत्री बाजार रोकडिया सरकार पर प्रसादी वितरण के लिए पूरी तरह से रोक लगा दी है, जिससे भक्तों को सडक़ पर प्रसादी वितरण करनी पड़ती है, गेट के अंदर अगर कोई प्रसादी वितरण करने जाता है तो यहां मौजूद सुरक्षाकर्मी रोक देते हैं और बाहर वितरित करने की सलाह देते हैं।