ग्वालियर। नगर निगम परिषद की अंतिम बैठक हंगामेदार रही है। नगर निगम प्रशासन ने एक खास रणनीति के तहत इस बैठक का आयोजन किया था। निगम प्रशासन की रणनीति तो सफल हो गई लेकिन बैठक में कुछ ऐसी बातें भी हो गई जो देर तक गूंजती रहेगी। इस बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया को सबसे बड़ा भूमाफिया बताया गया। अब से पहले तक केवल कुछ भाजपा नेता मीडिया के सामने इस तरह के बयान देते थे। पहली बार सदन की कार्यवाही में ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आरोप लगा है।
नगर परिषद की बैठक में चर्चा के दौरान भाजपा पार्षद जय सिंह सोलंकी ने बिना मंजूरी कोटेश्वर महादेव मंदिर परिसर की जमीन पर बाउंड्रीवॉल का मुद्दा उठाया। एजेंडे में बिन्दु न होने पर कांग्रेसी पार्षदों ने इसका विरोध किया। इसी बीच पार्षद ने कह दिया कि सबसे बड़े माफिया तो ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं उनके खिलाफ कार्रवाई कीजिए। इसके साथ ही सिंधिया समर्थक कांग्रेसी पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की गई और फिर कामकाज शुरू हो गया।
नगर निगम की बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम क्यों आया
नगर निगम परिषद की कार्यवाही के दौरान नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित में कमलनाथ सरकार द्वारा शुरू की गई एंटी माफिया मुहिम की तारीफ शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने भाजपा पर तंज कस दिया। इसी के जवाब में भाजपा पार्षद ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को निशाने पर ले लिया। पार्षद जय सिंह सोलंकी ने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार माफिया के खिलाफ कार्रवाई करना चाहती है तो सबसे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ कार्रवाई करें क्योंकि वह सबसे बड़े माफिया है।