नई दिल्ली। कड़कड़ाती ठंड लगभग हर साल पड़ती है परंतु अत्यधिक न्यूनतम तापमान वाली ठंड ज्यादा से ज्यादा 5 या 6 दिन रहती है। इस साल इस तरह की ठंड को 15 दिन से ज्यादा हो गए। यह ठंड असाधारण है। कितने दिन चलेगी कहा नहीं जा सकता। कितना नुकसान करेगी, कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। इसलिए इससे बचने के लिए असामान्य प्रबंध करने होंगे। यहां हम आपको दादी मां के टोटके नहीं बता रहे हैं बल्कि भारत के सबसे प्रतिष्ठित अस्पताल ' भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान' के सीनियर रेजिडेंट जो लगातार ठंड के कारण बीमार होने वाले मरीजों का इलाज कर रहे हैं, से हुई बातचीत बता रहे हैं।
एम्स के एक वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर अमरिंदर माल्ही ने बताया, " ज्यादातर मरीज अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूआरटीआई), लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (एलआरटीआई), उच्च तनाव, स्ट्रॉक और म्योकार्डियल इंफेक्शन की शिकायत लेकर आ रहे हैं।" माल्ही के अनुसार, शीत लहर से प्रभावित यहां आने वाले लोग ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं। उन्होंने कहा, हमारे ज्यादातर मरीज उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के हैं, उनमें बच्चों, शिशुओं और बुजुर्गो की संख्या अधिक है। इन बीमारियों से अगर बचना है तो खुद को गर्म रखना काफी महत्वपूर्ण है।
लोगों को प्रतिदिन चार से पांच गिलास गर्म पानी पीना चाहिए। पारंपरिक हीटर के बजाय तेल वाले हीटर का प्रयोग करें, क्योंकि पारंपरिक हीटर वातावरण को शुष्क कर देते हैं लेकिन प्रमुख तौर पर अपने शरीर को ऊंनी कपड़े, दस्ताने, टोपी, मोजे आदि से ही गर्म रखें।" वहीं ठंड से बढ़ते मरीजों की संख्या देखते हुए अस्पताल के प्रबंधन को लेकर डॉक्टर ने कहा, "हमने अस्पताल में अतिरिक्त कंबल, बिस्तर और हीटर का प्रबंध किया है, ताकि मरीजों को दिक्कत न हो।"
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, शीतलहर का यह दौर कुछ और समय के लिए जारी रह सकता है। इस पर भारत आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेंद्र जेनामणि ने कहा, "यह लंबी अवधि वाला अलग तरह की ठंड है, जिससे पूरा उत्तर भारत प्रभावित है।" उन्होंने आगे कहा, "आम तौर पर कोई अत्यधिक ठंड की अवधि पांच से छह दिनों की होती है, लेकिन इस साल 13 दिसंबर से तापमान लगातार निम्नतम है, जो असाधारण है।"
एम्स के एक वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर अमरिंदर माल्ही ने बताया, " ज्यादातर मरीज अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूआरटीआई), लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (एलआरटीआई), उच्च तनाव, स्ट्रॉक और म्योकार्डियल इंफेक्शन की शिकायत लेकर आ रहे हैं।" माल्ही के अनुसार, शीत लहर से प्रभावित यहां आने वाले लोग ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं। उन्होंने कहा, हमारे ज्यादातर मरीज उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के हैं, उनमें बच्चों, शिशुओं और बुजुर्गो की संख्या अधिक है। इन बीमारियों से अगर बचना है तो खुद को गर्म रखना काफी महत्वपूर्ण है।
लोगों को प्रतिदिन चार से पांच गिलास गर्म पानी पीना चाहिए। पारंपरिक हीटर के बजाय तेल वाले हीटर का प्रयोग करें, क्योंकि पारंपरिक हीटर वातावरण को शुष्क कर देते हैं लेकिन प्रमुख तौर पर अपने शरीर को ऊंनी कपड़े, दस्ताने, टोपी, मोजे आदि से ही गर्म रखें।" वहीं ठंड से बढ़ते मरीजों की संख्या देखते हुए अस्पताल के प्रबंधन को लेकर डॉक्टर ने कहा, "हमने अस्पताल में अतिरिक्त कंबल, बिस्तर और हीटर का प्रबंध किया है, ताकि मरीजों को दिक्कत न हो।"
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, शीतलहर का यह दौर कुछ और समय के लिए जारी रह सकता है। इस पर भारत आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेंद्र जेनामणि ने कहा, "यह लंबी अवधि वाला अलग तरह की ठंड है, जिससे पूरा उत्तर भारत प्रभावित है।" उन्होंने आगे कहा, "आम तौर पर कोई अत्यधिक ठंड की अवधि पांच से छह दिनों की होती है, लेकिन इस साल 13 दिसंबर से तापमान लगातार निम्नतम है, जो असाधारण है।"