इंदौर। निगम और पुलिस-प्रशासन की भूमाफियों पर कार्रवाई जारी है। आज भूमाफिया चंपू अजमेरा के अवैध कब्जों पर जेसीबी का पंजा चला। पिपलिया कुमार में बनी द एड्रेस टाउनशिप में निगम ने अवैध निर्माण को ढहाया। इस दौरान दो पोकलेन और चार जेसीबी मशीन की मदद से क्लब हाउस को ध्वस्त किया गया। जिन इमारतों में रहवासी रह रहे थे, उनमें किसी तरह की कार्यवाही नहीं की गई।
मिली जानकारी अनुसार नगर निगम की टीम पुलिस और प्रशासन के साथ बॉम्बे हॉस्पिटल के पीछे चंपू अजमेरा की टाउनशिन में अवैध निमाण को ढहाने पहुंची। यहां चंपू ने बिना अनुमति के एक क्लब हाउस का निर्माण कर लिया था। यहां चंपू ने एक हिस्से में करीब तीन हजार स्क्वेयर फीट पर दो मंजिला पक्का निर्माण कर रखा था, जिसे जेसीबी की मदद से ढहाया गया। बताया जा रहा है कि इस क्लब हाउस को चंपू यहां रहने वाले रहवासियों के लिए डेपलप कर रहा था। ऐसा बताया जा रहा है कि चंपू इस क्लब हाउस को सर्वसुविधायुक्त बनाने वाला था।
भूमाफिया रितेश उर्फ चंपू अजमेरा की अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। उसकी तलाश में कुछ दिन पहले पुलिस ने उसके घर में दबिश दी थी। उसके नहीं मिलने पर उसकी पत्नी योगिता को हिरासत में लेकर पुलिस ने लंबी पूछताछ की थी। योगिता चंपू की कंपनी के बोर्ड में शामिल है। इसके अलावा पुलिस ने उसके पालीवाल नगर स्थित बंगले और फिर डीआईजी ऑफिस के पीछे वाले घर पर भी छानबीन कर परिवार, नौकरों व गार्ड से पूछताछ की थी।
पुलिस ने सुखलिया के सीजेआरएम में रहने वाले मोहनलाल श्रीवास्तव की शिकायत पर चंपू के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। मोहनलाल ने पुलिस को बताया कि उसने चंपू की कंपनी फीनिक्स देवकॉन की कॉलोनी में 2009 में प्लॉट खरीदा था। उसका पूरा पैसा दे दिया। इसकी रजिस्ट्री भी हो गई। कुछ समय बाद कब्जा लेने पहुंचे तो पता चला कि वहां कोई प्लॉट था ही नहीं। चंपू से प्लॉट का बोला तो उसने धमकाया। दूसरा केस बजरंग नगर निवासी हीरालाल मलेरिया की शिकायत पर दर्ज हुआ है। उन्होंने 2010 में फीनिक्स देवकॉन में प्लॉट लिया था। नक्शे में चंपू ने जो जगह बताई, वहां प्लॉट मौजूद ही नहीं था। चंपू पर फीनिक्स देवकॉन से ही जुड़े दो और केस दर्ज हुए हैं।
मिली जानकारी अनुसार नगर निगम की टीम पुलिस और प्रशासन के साथ बॉम्बे हॉस्पिटल के पीछे चंपू अजमेरा की टाउनशिन में अवैध निमाण को ढहाने पहुंची। यहां चंपू ने बिना अनुमति के एक क्लब हाउस का निर्माण कर लिया था। यहां चंपू ने एक हिस्से में करीब तीन हजार स्क्वेयर फीट पर दो मंजिला पक्का निर्माण कर रखा था, जिसे जेसीबी की मदद से ढहाया गया। बताया जा रहा है कि इस क्लब हाउस को चंपू यहां रहने वाले रहवासियों के लिए डेपलप कर रहा था। ऐसा बताया जा रहा है कि चंपू इस क्लब हाउस को सर्वसुविधायुक्त बनाने वाला था।
भूमाफिया रितेश उर्फ चंपू अजमेरा की अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। उसकी तलाश में कुछ दिन पहले पुलिस ने उसके घर में दबिश दी थी। उसके नहीं मिलने पर उसकी पत्नी योगिता को हिरासत में लेकर पुलिस ने लंबी पूछताछ की थी। योगिता चंपू की कंपनी के बोर्ड में शामिल है। इसके अलावा पुलिस ने उसके पालीवाल नगर स्थित बंगले और फिर डीआईजी ऑफिस के पीछे वाले घर पर भी छानबीन कर परिवार, नौकरों व गार्ड से पूछताछ की थी।
पुलिस ने सुखलिया के सीजेआरएम में रहने वाले मोहनलाल श्रीवास्तव की शिकायत पर चंपू के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। मोहनलाल ने पुलिस को बताया कि उसने चंपू की कंपनी फीनिक्स देवकॉन की कॉलोनी में 2009 में प्लॉट खरीदा था। उसका पूरा पैसा दे दिया। इसकी रजिस्ट्री भी हो गई। कुछ समय बाद कब्जा लेने पहुंचे तो पता चला कि वहां कोई प्लॉट था ही नहीं। चंपू से प्लॉट का बोला तो उसने धमकाया। दूसरा केस बजरंग नगर निवासी हीरालाल मलेरिया की शिकायत पर दर्ज हुआ है। उन्होंने 2010 में फीनिक्स देवकॉन में प्लॉट लिया था। नक्शे में चंपू ने जो जगह बताई, वहां प्लॉट मौजूद ही नहीं था। चंपू पर फीनिक्स देवकॉन से ही जुड़े दो और केस दर्ज हुए हैं।