इंदौर। परमानंद हॉस्पिटल से अंतिम चौराहे तक इंदौर शहर की तीर्थ सड़क का थ्रीडी डिजाइन तैयार हो गया है। यह शहर की पहली तीर्थ सड़क है। इसी महीने इस सड़क का काम शुरू हो जाएगा। काम शुरू होने के बाद छह माह में इसे बनाने का टारगेट तय किया है। यह शहर की एकमात्र सड़क है, जहां 150 साल पुराने मंदिर एक ही लेन में हैं।
भूतेश्वर महादेव मंदिर, गंगा बगीची, दास बगीची, वनखंडी हनुमान मंदिर, राम मंदिर जैसे 100 से 150 वर्ष पुराने धर्मस्थलों को जोड़ने वाली इस सड़क पर अकसर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है। अंतिम चौराहे से परमानंद हॉस्पिटल तक की सड़क बहुत से स्थानों पर 35 फीट ही चौड़ी है। इसी मार्ग पर पंचकुइया मुक्तिधाम भी है।यहां जब भी शवयात्रा आती है तो ट्रैफिक बाधित हो जाता है। यह पहली सड़क है जो सिर्फ धर्मस्थलों के लिए ही बनाई जा रही है। नई सड़क 70 फीट चौड़ी बनेगी। सड़क पर ट्रैफिक सुचारु रूप से चलता रहे, इसके लिए डिवाइडर भी ज्यादा चौड़े न होकर प्रीकास्ट रखे जाएंगे ताकि ज्यादा स्थान वाहनों को मिले। यह सड़क भले ही तीर्थ रोड के नाम से बनाई जा रही है लेकिन इसका फायदा परमानंद हॉस्पिटल के आगे स्थित 50 से ज्यादा कॉलोनियों को भी मिलेगा। इन कॉलोनियों के रहवासियों के आवागमन के लिए यही प्रमुख सड़क है।
सड़क चौड़ी होने से रहवासियों को रामचंद्रनगर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और ट्रैफिक सीधे मुख्य सड़क पर आ सकेगा। पार्षद दीपक जैन टीनू ने बताया 900 मीटर लंबी सड़क का वर्क ऑर्डर जारी हो चुका है। इसी माह का काम शुरू होगा।