इंदौर। मंगलवार को एक बंदी ने आत्महत्या कर ली। बंदी को हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में सोमवार को हिरासत में लिया गया था। हवालात में मौत होने के कारण डीआईजी के अनुराेध पर कोर्ट ने मामले में ज्यूडिशियल जांच के आदेश दिए हैं। आरोपी ने अपने मामा और मामी पर चाकू से हमला किया था, जिसमें मामा की मौत हो गई थी, जबकि मामी की हालत गंभीर थी। आरोपी ने इसके पहले छत से कूदकर जान देने की कोशिश की थी। किशनगंज थाने के हवालात में आरोपी ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली।
पश्चिम एसपी अवधेश गोस्वामी के अनुसार 302 के अपराध में हवालात में बंद कैदी द्वारा फांसी लगाई गई है। मृतक का पोस्टमार्टम तीन डाॅक्टरों के पैनल द्वारा कराया जा रहा है। पूरे पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी करवाई जा रही है। कैदी ने करीब 7 बजकर 50 मिनट में फांसी लगाई है। कैदी को जो कंबल दिया गया था, उसके सिले हुए हिस्से को निकालकर उसने फांसी लगाई है। फांसी की पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है, जिसे सील कर मजिस्ट्रेट को सौंपा जा रहा है। जिस समय घटना हुई, उस समय ड्यूटी पर हेड कांस्टेबल महेंद्र सिंह और कांस्टेबल गजेंद्र सिंह थे, जिनकी लापरवाही की जांच की जा रही है। पूरे मामले में मृतक के पिता कमलेश ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उसने आरोप लगाया कि पुलिस ने गोपाल को वारदात वाले दिन ही हिरासत में ले लिया था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं बताई गई।
पुलिस उसे छह दिन से प्रताड़ित कर रही थी, लेकिन कोर्ट में पेश नहीं किया। पुलिस को कई बार कहने के बाद भी पुलिस उसे कोर्ट में पेश नहीं कर रही थी। आज मौत की जानकारी उन्हें थाने आकर पता चली। उसे बस थाने पर आने को कहा गया था। परिजनों का आरोप है कि गोपाल ने आत्महत्या नहीं की है, उसे पुलिस ने ही प्रताड़ित किया है।
डीआईजी रुचिवर्धन मिश्र ने बताया कि किशनगंज थाने में अपराध क्रमांक 35/20 धारा 302, 307, 327 के तहत केस दर्ज किया गया था। मामले में गोपाल पुत्र कमलेश पचौरी को सोमवार को हिरासत में लिया गया था। मंगलवार को आरोपी ने थाने के हवालात में फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस अभिरक्षा में बंदी की मौत होने से जिला कोर्ट से ज्यूडिशियल जांच के लिए अनुरोध किया गया, जिस पर जिला सत्र न्यायाधीश ने इसके आदेश कर दिए हैं। मामले में जिन भी अधिकारी-कर्मचारियों को दोषी पाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।