जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने हाउसिंग बोर्ड के कमिश्नर केके देशकर एवं डिप्टी कमिश्नर महेंद्र सिंह तिर्की के खिलाफ वारंट जारी किया है। आरोपी के हाई कोर्ट द्वारा नोटिस देकर तलब करने के बावजूद दोनों अधिकारी उपस्थित नहीं हुए। मामला एक रिटायर्ड कर्मचारी के पेंशन से जुड़ा हुआ है। बता दें कि पेंशन को कर्मचारी के जीवन का संवेदनशील विषय माना जाता है।
जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने नोटिस तामील होने के बाद भी अनावेदकों की ओर से किसी वकील के हाजिर न होने को गंभीरता से लेते हुए यह निर्देश दिए। मामले पर अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी। यह अवमानन याचिका जबलपुर के रामपुर छापर में रहने वाले अघन दास मोगरे की ओर से दायर की गई है। हाउसिंग बोर्ड के असिस्टेंट इंजीनियर के कार्यालय में पदस्थ रहे याचिकाकर्ता ने रिटायरमेंट के बाद पेंशन निर्धारण न किए जाने को चुनौती देकर एक याचिका वर्ष 2017 में दायर की थी।
याचिका में राहत चाही गई थी कि 29 अक्टूबर 1997 से 30 जून 2017 तक की अवधि में उनके द्वारा दी गईं सेवाओं को स्थाई मानते हुए पेंशन व अन्य सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान करने के निर्देश अनावेदकों को दिए जाएं। हाईकोर्ट ने 26 फरवरी 2019 को तीन माह के भीतर सभी बकाया लाभों का भुगतान करने के निर्देश दिए थे। न्यायालय द्वारा दी गई समयावधि बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई। पूर्व में हाईकोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे।
मामले पर आगे हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजेश सोनी ने पक्ष रखा। अनावेदकों की ओर से किसी पैरोकार के हाजिर न होने के मद्देनजर अदालत ने हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त और उप आयुक्त के खिलाफ 20-20 हजार रुपए के जमानती वारंट जारी करने के निर्देश दिए।