ग्वालियर। प्रैक्टिकल के बाद स्टूडेंट खुद चैक कर सकता है कि उसने काम सही किया कि नहीं। स्टूडेंट किए गए प्रैक्टिकल की रीडिंग जैसे ही सबमिट करता है तो वह संबंधित शिक्षक के कंप्यूटर पर पहुंच जाती है। शिक्षक उसे ऑनलाइन चेक करके बता देता है कि प्रैक्टिकल कितना सही है। खास बात यह है कि लैब में प्रैक्टिकल के लिए संस्थान फ्री हाई स्पीड नेट भी उपलब्ध करा रहा है।
माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नाेलॉजी एंड साइंस (एमआईटीएस) के मैकेनिकल डिपार्टमेंट में प्रदेश की पहली स्मार्ट लैब में छात्र बिना शिक्षक की मदद के सिर्फ क्यूआर कोड के माध्यम से प्रैक्टिकल कर सकेंगे। इस स्मार्ट लैब की सभी मशीनों के उपयोग से संबंधित वीडियाे यूट्यूब पर अपलोड हैं। स्टूडेंट काे जिस मशीन पर प्रैक्टिकल करना है वह लैब के बाहर लगे बोर्ड से क्यूआर कोड स्कैन करता है। कोड स्कैन होते ही मोबाइल पर मशीन और प्रोजेक्ट से संबंधित सभी वीडियो आ जाते हैं। इन वीडियो में कमेंट्री के साथ बताया जाता है कि इस मशीन पर किस प्रकार से प्रैक्टिकल किए जा सकते हैं। स्टूडेंट रिपीट कर अपने प्रैक्टिकल करना सीख सकता है।
मैकेनिकल डिपार्टमेंट की स्मार्ट लैब काफी अच्छे से काम कर रही है। इसमें स्टूडेंट सुबह आठ से रात आठ बजे तक कभी आकर प्रैक्टिकल कर लेते हैं। इससे स्टूडेंट को फायदा हो रहा है। यह प्रदेश पहली स्मार्ट लैब है। हम आगे भी इस तरह के इनोवेशन काम करते रहेंगे।
सीएस मालवीय, इंचार्ज इनोवेशन सेल एमआईटीएस