भोपाल। राज्य शिक्षा केंद्र एवं विभागीय निर्देशानुसार विद्यालयों से कक्षावार छात्रों की दैनिक उपस्थिति बालक कन्या पृथक पृथक, इसी प्रकार मध्याह्न भोजन के लाभार्थियों की जानकारी, त्रैमासिक टेस्ट व "बेस, मीड एवं एण्ड लाइन दक्षता संवर्धन मूल्याकंन शिक्षकों को अपने एंडराइड फोन से शिक्षा पोर्टल पर दर्ज करना है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि विभागीय निर्देशों के पालन में शिक्षकों को खासी मशक्कत करनी पड़ती रही हैं । कारण साफ है खराब नेटवर्क व सर्वर की मंथर गति । उक्तानुसार निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो वेतन रोकने से लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान हैं । विभागीय निर्देशों के पालन में शिक्षकों की व्यावहारिक परेशानियों को विभाग द्वारा अनदेखा किया गया है । बच्चों को पढ़ाने के समय सभी शिक्षक अपने-अपने मोबाइल फोन से उक्त जानकारी शिक्षा पोर्टल पर लोड करने में लगे हैं । क्या पता किसके फोन में बेहतर नेटवर्क आ रहा हैं ? नेटवर्क से निपटे तो सर्वर की धीमी चाल से घूमते चक्कर को देखते-देखते शिक्षक स्वयं घनचक्कर हो रहे हैं । शिक्षकों की फोन पर व्यस्तता के चलते छात्रों द्वारा अपने पालकों को बताया जा रहा हैं कि हमारे शिक्षक बहुत समय तक मोबाइल चलाते रहते हैं।
इससे पालकों में आक्रोश व्याप्त होना स्वाभाविक है । शिक्षकों के लिए विकट स्थिति निर्मित हो गई है "एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाईं ।" मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ राज्य शिक्षा केन्द्र से मांग करता है कि जो जानकारियां वाट्सप से व हार्ड कापी द्वारा जन शिक्षकों को आसानी से भेजी जा रही है वहीं से जनपद, जिला व राज्य शिक्षा केंद्र पर अपडेट कर शिक्षकों को इससे मुक्त किया जावे ताकि विद्यालय समय में शिक्षकों को पर्याप्त पढ़ाई का अवसर मिल सके । खराब परीक्षा परिणाम पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की तलवार शिक्षकों पर पहले ही लटकाई जा चुकी है । विचित्र बात है षड़यंत्र के तहत शिक्षकों को पढ़ाने नहीं देते परिणाम बेहतर चाहते है, जो न्यायपूर्ण नहीं हैं।