भोपाल। समाज में हिंसा का भाव बढ़ता जा रहा है। अपराधियों को कानूनी प्रक्रिया से सजा दिलाने के बजाय बदला लेने का तालिबानी तरीका उपयोग किया जा रहा है। मामला मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले की कोलारस तहसील का है। यह गैंगरेप पीड़िता के भाइयों ने आरोपियों की बहन का गैंगरेप कर डाला। यानी गैंगरेप के बदले गैंगरेप। जैसे तालिबान करते हैं मौत के बदले मौत। चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों ही पक्ष आपस में एक दूसरे के रिश्तेदार हैं।
शिवपुरी ब्यूरो श्री ललित मुद्गल की रिपोर्ट के अनुसार कोलारस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव सीतापुर गांव में रहने वाली एक विधवा महिला उम्र 28 साल 6 जनवरी की रात अपने मकान की दूसरी मंजिल पर सो रही थी। आधी रात शौच के लिए पीड़िता नीचे उतरी। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आधी रात अकेला नीचे पाकर मुकेश लोधी, सुनील लोधी और बबलू लोधी ने मिलकर बारी-बारी से उसका बलात्कार कर दिया। पीडिता अपने मायके में रह रही थी उसकी ससुराल गुढा गांव में हैं। पुलिस ने महिला के बयान के आधार पर अपराध क्रमांक 11/20 पर आरोपियो के खिलाफ धारा 376D और 506 B के तहत मामला दर्ज कर लिया।
वही इसी मामले को जोडते हुए इसी गांव में इसी रात एक ओर गैंगरेप की वारदात कोलारस पुलिस ने दर्ज की हैं। 27 वर्षीय विवाहिता ने कोलारस पुलिस को बताया कि रात में वह घर में अकेली थी अपने पति का इंतजार कर रही थी। रात में दरवाजा खटखटाने की आवाज आई। विवाहिता ने अपने पति को आने की समझ दरवाजा खोला तो गांव के ही राजकुमार लोधी ओर प्रतिपाल लोधी घर में घुस गए ओर उसका दोनो ने जबरिया बलात्कार कर दिया। पुलिस ने इस मामले को पीड़िता के बयानो के आधार पर अपराध क्रंमाक 13/20 पर आरोपियो के खिलाफ 376 D के तहत मामला दर्ज कर लिया हैं।
आंवले का चौंकाने वाला पहलू
इस मामले का चौंकाने वाला पहलू यह है कि विधवा महिला से बलात्कार के तीन आरोपियों में से दो सुहागन महिला के भाई हैं और तीसरा उसका पति जबकि सुहागन महिला के सामूहिक बलात्कार की दोनों आरोपी विधवा महिला के भाई हैं।
कहीं पुलिस ने फर्जी FIR तो दर्ज नहीं कर ली
इस मामले में कोलारस पुलिस भी संदेह की जात में आती है। कहीं ऐसा तो नहीं कि दोनों ही मामले फर्जी दर्ज किए गए हो। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच संपत्ति विवाद है। पुलिस थाने में दर्ज है FIR नंबर 11 एवं 13 के अनुसार घटना एक ही रात में हुई है। हत्या की प्रतिक्रिया स्वरूप हत्या तो समझ में आता है परंतु गैंगरेप की प्रतिक्रिया स्वरूप तत्काल गैंगरेप, शायद ऐसा अब तक कभी नहीं हुआ। क्या इस बात पर विश्वास किया जाना चाहिए कि सामूहिक बलात्कार की पीड़िता के भाइयों ने घटना के तत्काल बाद पहले आरोपियों की बहन का गैंगरेप किया और फिर अपनी बहन को लेकर मामला दर्ज कराने पुलिस थाने पहुंचे। कहीं ऐसा तो नहीं कि कोलारस पुलिस दोनों पक्षों के बीच संपत्ति विवाद का फायदा उठा रही है। दोनों पक्षों ने पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई है। ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस अक्सर ऐसे विवादों में भी दखलअंदाजी कर देती है जो उसके हस्तक्षेप के योग्य नहीं होते।