भोपाल। शाहजहांनी पार्क में चल रहे प्रदेश के सरकारी कालेजों में अध्यापन करने वाले अतिथिविद्वानों का आंदोलन लगातार 33वें दिन जारी है। सरकार द्वारा फालेन आउट कर दिए जाने एवं कांग्रेस पार्टी के वचनपत्र की कंडिका 17.22 अनुसार नियमितीकरण की मांग को लेकर अतिथिविद्वान आंदोलन में बैठे है। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने कहा है कि सरकार से हमने हर स्तर से विनती कर ली है किंतु सरकार एवं उच्च शिक्षा विभाग हमारी मांगों को मानने तैयार नही है।
जबकि सत्तासीन होने से पूर्व कांग्रेस पार्टी के लगभग सभी नेताओं ने हमसे नियमितीकरण का वादा किया था। कल रात धरना स्थल पर पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने कहा कि कमलनाथ सरकार यदि अपने वचनपत्र 17.22 के प्रति गंभीर नही है तो कांग्रेस का वचनपत्र केवल लोक लुभावन चुनावी घोषणा पत्र बनकर रह जायेगा। वचनपत्र को गीता एवं क़ुरआन की संज्ञा देने वाले मुख्यमंत्री कमलनाथ अब तक क्यों अपने ही वचन के प्रति संवेदनशील नही दिखाई पड़ रहे है, मध्यप्रदेश की राजनीति में यह यक्ष्य प्रश्न बनता जा रहा है। एवं अतिथिविद्वानों में मुद्दे पर पिछले दिनों विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान हुआ हंगामा विधानसभा के आगामी विशेष सत्र में दोहराया जा सकता है।
बूट पोलिश कर जताया विरोध
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह ने कहा है कि सरकार ने हमें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा कर सड़क पर ला छोड़ा है। हमने सरकार की फालेन आउट की नीति का विरोध करने बूट पोलिश कर सांकेतिक विरोध दर्ज कराया है। जब इस प्रदेश के मुखिया कमलनाथ प्रदेश के उच्च शिक्षित बेटे बेटियों को वचन देने के बाद भी नौकरी नही दे सकते, तो हमारे लिए सरकार ने बूट पॉलिश का ही रास्ता छोड़ा है।
आंदोलन लगातार 33वें दिन जारी
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार अतिथिविद्वानों ने पिपरिया से यात्रा प्रारंभ करके 10 दिसंबर को भोपाल पहुँचें थे। तब से लगातार शाहजहांनी पार्क अतिथिविद्वानों के आंदोलन का गवाह रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी डॉ जेपीएस चौहान एवं डॉ आशीष पांडेय ने बताया कि हमने कड़ाके की ठंड, बारिश एवं अत्यधिक कष्टप्रद समय शाहजहांनी पार्क में बिताया है। जबकि सरकार ने अब तक हमारी कोई खबर नही ली है।