भोपाल। मध्य प्रदेश के खंडवा में रिश्वतखोरी के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस की छापामारी के दौरान एक मजेदार वाकया हुआ। लोकायुक्त पुलिस ने एक पटवारी के पेट में घूंसे मारकर घूस की रकम निकाली। दरअसल पटवारी ने लोकायुक्त को देखते ही रिश्वत की रकम मुंह में भर ली थी।
लोकायुक्त पुलिस के अनुसार, केंद्रीय विद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक मांगीलाल प्यासे निवासी महू की कृषि भूमि छैगांवमाखन ब्लॉक के सुरगांव जोशी में है। छह भाइयों की अलग-अलग छह पावती और दो एकड़ भूमि में दो भाइयों की पावती को अलग बनाना था। नामांतरण के लिए मांगीलाल प्यासे ने आरोपी पटवारी राजेश धात्रक से संपर्क किया। पटवारी ने प्रत्येक पावती पर 10 हजार की मांग की। फरियादी के भाइयों ने रिश्वत राशि देने से इंकार कर दिया। जबकि फरियादी ने कहा मैं महू में रहता हूं, बार-बार आने में दिक्कत होगी। आप थोड़े रुपए कम कर लो। पटवारी ने 8 हजार रुपए में बात तय कर ली। 15 जनवरी को पटवारी को 2 हजार रुपए दिए। 20 जनवरी को 2 हजार दिए। मंगलवार सुबह चार हजार रुपए लेने के लिए पटवारी ने फरियादी को इंदिरा चौक स्थित अपने घर बुलाया। जहां लोकायुक्त पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
पटवारी ने साक्ष्य मिटाने नोटों को मुंह में भर लिया
आरोपी राजेश धात्रक पटवारी से पहले पीजीडीसीए कोचिंग संचालित करता था, साथ ही वकालत की पढ़ाई भी की है। लोकायुक्त की कार्रवाई से बचने के लिए आरोपी ने घूस की राशि चार हजार रुपए 500-500 रुपए के आठ नोट चबाने के साथ ही हाथ को मिट्टी में मिलाकर साफ करने की कोशिश की, ताकि हाथ धुलने पर पानी का रंग लाल न हो।
दो दिन में रिश्वत के दो मामले, दोनों में पटवारी ही आरोपी
नामांतरण के नाम पर रिश्वत मांगने वाली महिला पटवारी कंचन तिवारी को लोकायुक्त पुलिस ने हरसूद में दो हजार रुपए की घूस लेते हुए पकड़ा। दूसरे दिन सुबह 11 बजे शहर के इंदिरा चौक स्थित पटवारी राजेश ने फरियादी को घर बुलाकर रिश्वत ली। दो दिन में दो पटवारी ट्रेप होने से हड़कंप मच गया है।
पटवारियों का आरोप-लोकायुक्त टीम ने की मारपीट
लोकायुक्त कार्रवाई के विरोध में अन्य पटवारी कोतवाली पहुंचे। उन्होंने लोकायुक्त निरीक्षक विजय चौधरी व टीम पर पटवारी राजेश धात्रक के साथ मारपीट का आरोप लगाया। संघ अध्यक्ष अश्विन सैनी व साथियों ने कहा लोकायुक्त ने जो भी कार्रवाई की है, हम उसका विरोध नहीं कर रहे, लेकिन राजेश को मारपीट करते हुए घर से इंदिरा चौक तक लेकर आए, यह गलत है। पटवारी संघ ने मारपीट का वीडियो मीडिया काे देने का बात कही, लेकिन नहीं दे पाए।
प्यासे बोले- शिक्षक रहते बच्चों को पढ़ाया रिश्वत लेना-देना पाप है
फरियादी मांगीलाल प्यासे ने कहा नामांतरण करना मशक्कत का काम नहीं था। मैंने शिक्षक रहते हुए बच्चों को हमेशा यही शिक्षा दी कि रिश्वत लेना व देना पाप है। फिर क्या था मैंने भी ठान लिया कि अब पटवारी को रिश्वत नहीं दूंगा। सीधे लोकायुक्त एसपी इंदौर पहुंचा और शिकायत दर्ज करवा दी। पुलिस ने पूरे साक्ष्य के साथ आरोपी को पकड़ा है।
एक दिन पहले कह रहे थे गलत हुआ, ऐसा नहीं होना चाहिए था
चार हजार रुपए की घूस लेते हुए पकड़े गए पटवारी राजेश धात्रक सोमवार शाम पांच बजे शहर के एक कॉलोनाइजर व अपने पटवारी साथियों के साथ चाय पीने बैठे थे। इस दौरान अचानक पटवारी कंचन तिवारी के दो हजार रुपए रिश्वत लेने की बात निकली। पटवारी राजेश ने कहा कि बहुत गलत हुआ, ऐसा नहीं होना था। कंचन का छोटा बच्चा है। समाज में बदनामी होगी। साथियों के मुताबिक उन्होंने रिश्वत लेने व देने की बात का भी विरोध दर्ज कराया था। घटना को पूरे 24 घंटे भी नहीं हुए और राजेश खुद रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।
फरियादी का भतीजा भी पटवारी
फरियादी मांगीलाल प्यासे का भतीजा महेंद्र प्यासे पुनावा ब्लाक में पटवारी है। राजेश धात्रक के पकड़ाने के बाद पटवारियों ने कहा कि अगर फरियादी अपने भतीजे का नाम ही बता देता तो यह नौबत नहीं आती।
जब हम लोग आरोपी को लेकर नीचे उतर रहे थे तब आरोपी ने रिश्वत राशि को निगलने व चबाने का पूरा प्रयास किया 500 के आठ नोट मशक्कत के बाद उसके मुंह से बाहर निकलवाए। मारपीट का आरोप गलत है। हमने धारा 7 के तहत कार्रवाई की है।
विजय चौधरी, निरीक्षक, लोकायुक्त इंदौर