राजगढ़ कलेक्टर व सांसद में ठनी: जिस रैली के लिए सांसद गांव-गांव घूमे, कलेक्टर ने रोक लगा दी | MP NEWS

Bhopal Samachar
अब्दुल वसीम अंसारी/राजगढ़। भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं राजगढ़ लोकसभा सीट से सांसद रोडमल नागर और कलेक्टर निधि निवेदिता के बीच तनातनी शुरू हो गई है। सांसद ने गांव-गांव घूमकर नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में ऐतिहासिक रैली के लिए लोगों को बुलाया था लेकिन रविवार को रैली के आयोजन के ठीक पहले कलेक्टर निधि निवेदिता ने उस पर रोक लगा दी। इतना ही नहीं कलेक्टर ने इलाके में धारा 144 लगा दी ताकि यदि सांसद बिना अनुमति के किसी रैली का आयोजन करें तो उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा सके।

गणतंत्र दिवस समारोह के नाम पर लगाई धारा 144

जिले की संवेदनशीलता और पिछले वर्ष गणतंत्र दिवस पर जिले के खुजनेर में हुई एक घटना का जिक्र आदेश में करते हुए और जिले में कानून व्यवस्था शांतिपूर्ण तरीके से सुचारू रखने राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदता के द्वारा कल जिले में धारा 144 लागू कर दी गई और किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन के लिए की जाने वाली आमसभा व रैलियों की अनुमति को भी निरस्त किया गया है। और उलंघन करने प वैधानिक कार्यवही की बात भी कही है। 

धारा 144 और बगैर अनुमति के बाद भी प्रदर्शन

वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में धारा 144 लागू होने के बाद भी प्रदर्शनकारियों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में रैली का आयोजन तय समय के अनुसार किया जाएगा। ऐसे में जिले में शांति व्यवस्था बनाये रखने और माहौल को देखते हुए ब्यावरा में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, और उनके द्वारा फ्लैग मार्च भी निकाला जा रहा है।

इनका कहना है

इस कानून के विरोध व समर्थन में एक-एक रैली पूर्व में निकाली जा चुकी है। इसलिए बार-बार एक ही मुद्दे पर रैली निकालने का कोई औचित्य नहीं है। हमारी ओर से रैली के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई है। धारा 144 लागू की है। यदि रैली निकाली गई तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
निधि निवेदिता, कलेक्टर राजगढ़ 

बुरहानपुर में दर्ज हो चुकी है सांसद सहित 5000 लोगों के खिलाफ FIR 

याद दिला देगी मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में इसी तरह के बिना अनुमति वाले का आयोजन के कारण भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान सहित रैली में शामिल 5000 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा चुका है। 

शांतिपूर्ण प्रदर्शन रोकने धारा 144 नहीं लगाई जा सकती: सुप्रीम कोर्ट 

कश्मीर से संबंधित एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा है कि किसी भी प्रकार के शांतिपूर्ण प्रदर्शन की स्थिति में धारा 144 नहीं लगाई जा सकती। सरकारें धारा 144 का मनमाना उपयोग नहीं कर सकती। आम नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन इस तरह से नहीं किया जा सकता। कलेक्टर केवल उसी समय धारा 144 लागू कर सकते हैं जबकि उनके पास इस बात पर विश्वास करने के पुख्ता कारण उपलब्ध हो की हिंसा की संभावना है और उसे रोकने के लिए नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों को संक्षिप्त करना अनिवार्य हो गया है। 

CAA तो दिखावा है बात कुछ और है 

राजनीति की संकरी गलियों में एक खबर यह भी है कि नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रैली और कलेक्टर की धारा 144 दोनों ही दिखावा है, असल में बात कुछ और है। दोनों के बीच तनातनी चल रही है। दोनों एक दूसरे को दबाव में लेने की कोशिश कर रहे हैं। 

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